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30 हॉर्स पावर के मोटर 3 दिन चले तब जा के मिला फ़ोन , ऑफिसर का मोबाइल 'पी गया' 21 लाख लीटर पानी!

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कांकेर. अब तक आप लोगों की जान बचाने के लिए कई रेस्क्यू ऑपरेशन देखे होंगे. मगर छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पंखाजूर के एक सरकारी अधिकारी की हरकत के बारे में सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे. पंखाजूर के परलकोट जलाशय में अपना बेशकीमती फोन ढूंढने के लिए अधिकारी ने चार दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलवाया. आरोप है कि जलाशय में संग्रहित 21 लाख लीटर पानी इस चक्कर में बहा दिया गया. तब जाकर अधिकारी का मोबाइल मिल सका. फोन को पानी से निकालने के लिए सोमवार से ऑपरेशन शुरू किया गया था, जो गुरुवार को खत्म हुआ. पंखाजूर के परलकोट जलाशय से पानी निकलवाने वाले इस अधिकारी का नाम राजेश विश्वास बताया जा रहा है. वह कोयलीबेड़ा ब्लॉक में फूड इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. कांकेर से लेकर प्रदेश की राजधानी रायपुर तक इस अधिकारी के करतूत की चर्चा हो रही है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह ने भी इसको लेकर ट्वीट कर भूपेश बघेल सरकार को निशाने पर लिया है. 3 दिन चले 30 हॉर्स पावर के पंप जानकारी के मुताबिक मोबाइल फोन को पानी से निकालने के लिए सोमवार से ऑपरेशन शुरू किया गया, जो गुरुवार तक चला. इसके बाद अधिकारी का फोन पानी से निकल सका. इस दौरान गोताखोरों की भी मदद ली गई, मगर जब गोताखोर असफल रहे, तो पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए. तीन दिनों तक 30 हॉर्स पावर के पंपों की मदद से बांध का पानी निकाला गया. छुट्टी मनाने आए थे अधिकारी दरअसल कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास सोमवार को छुट्टी मनाने परलकोट जलाशय पहुंचे थे. जलाशय के आसपास तफरीह के दौरान फूड ऑफिसर का महंगा मोबाइल फोन परलकोट जलाशय में गिर गया. इस दौरान जलाशय में पानी ओवर फ्लो होकर बह रहा था. जानकारी के मुताबिक जलाशय में 15 फीट तक पानी भरा हुआ था. मोबाइल गिरने के बाद अधिकारी ने फोन की तलाश में पानी निकालने का आदेश दिया. पहले तो गोताखोरों ने ढूंढा, लेकिन मोबाइल नहीं मिला. इसके बाद जलाशय का पानी खाली करने के लिए हाई पावर पंप मंगाए गए. तीन दिनों तक 30 HP के पम्प से जलाशय का पानी निकाला गया और अंततः अधिकारी का मोबाइल फोन बाहर निकाला जा सका. पूर्व सीएम ने बघेल सरकार पर कसा तंज एक मोबाइल फोन के लिए जलाशय का पानी खाली करने का यह मामला अब सुर्खियों में है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह ने इसको लेकर ट्वीट किया. अपने ट्वीट के जरिए पूर्व सीएम ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार को निशाने पर लिया. डॉ. सिंह ने ट्वीट किया, ‘दाऊ @bhupeshbaghel की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं. आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं, इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी.’