हैदर अली से वेलु नाच्चियार की मुलाक़ात 18वीं सदी के डिंडीगुल (दिंडुक्कल) शहर में हुई थी. तालों और बिरयानी के लिए मशहूर तमिलनाडु का यह शहर तब दक्षिण भारतीय राज्य मैसूर का हिस्सा हुआ करता था. हैदर अली उत्तर में कृष्णा नदी, पूर्व में पूर्वी घाट और पश्चिम में अरब सागर तक फैले, उस मैसूर राज्य के शासक थे जिसका अधिकतर हिस्सा अब तमिलनाडु और केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में है. वेलु नाच्चियार 1773 में ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों अपने पति मुथु वदुग्नाथ पेरियाउदय थेवर और उनकी रियासत शिवगंगा को खोकर अपनी कम उम्र की बेटी वेल्लाची के साथ शरण और सहायता की तलाश में थीं. हैदर अली और वेलु की मुलाक़ात परस्पर सम्मान के एक ऐसे दौर की शुरुआत थी, जिसे अगली पीढ़ी में टीपू सुल्तान ने भी निभाया. वेलु को हैदर अली से मदद मिली तो उन्होंने ऐसा सम्मान अर्जित किया, जो हमेशा के लिए यादगार बन गया.
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