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हज यात्रा 21 मई से शुरू, जानिए हज के नाम पर धांधली से कैसे बचें?

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राजस्थान के कोटा शहर के रहने वाले इलाही बख़्श अंसारी अपनी पत्नी के साथ हज जाने की योजना बना रहे थे. वो साल 2018 था. इलाही बख़्श अंसारी को अपने पड़ोसियों से एक प्राइवेट टूर ऑपरेटर के बारे में जानकारी मिली. इस प्राइवेट टूर कंपनी को चलाने वाले व्यक्ति का नाम जमीरुद्दीन था और वो बूंदी में रहते थे. वे कहते हैं, "मैंने ज़मीरुद्दीन के बारे में अपने पड़ोसियों से जाना फिर मेरे रिश्तेदार से बूंदी में उसके बारे में पता कराया. मेरे रिश्तेदार ने कहा अच्छा आदमी है और क़ाज़ी का बेटा है आप इतमीनान रखें. हमें भी पूरा भरोसा हो गया. मैंने सरकारी फ़ॉर्म भरा था लेकिन नंबर नहीं आया तो प्राइवेट टूर का सहारा लिया." वो बताते हैं कि उन जैसे क़रीब 20 लोगों ने ज़मीरुद्दीन पर भरोसा किया और हज यात्रा के लिए एडवांस रुपये दे दिए.