तुर्किये में बचाव कर्मियों ने सोमवार को इमारतों के मलबे से कई लोगों को जीवित निकाला। हालांकि अब धीरे-धीरे मलबे में दबे लोगों के जीवित बचे होने की उम्मीद कम होती जा रही है। इतिहास के इस विनाशकारी भूकंप को आए हुए सात दिन बीत चुके हैं, ऐसे में अब यह उम्मीद कम है कि मलबे के नीचे कोई जीवित व्यक्ति मिल सकता है। तुर्किये और सीरिया में पिछले सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या 37,000 से ऊपर हो गई है और इस संख्या के इससे भी ऊपर जाने की आशंका है। तुर्की में इससे पहले साल 1939 में ऐसा घातक भूकंप आया था। तब 31,643 लोग मारे गए हैं और 160,000 लोगों को भूकंप क्षेत्र से विस्थापित होना पड़ा था।
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