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इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस ‘लैंडर मॉड्यूल’ की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कराई थी। अबतक रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चांद की सतह पर 8 मीटर की दूरी तय कर ली है।

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चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद पूरी दुनिया दिलचस्पी से भारत के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की तरफ से आने वाली जानकारियों का इंतजार कर रही है। भारत की स्पेस एजेंसी भी समय-समय पर मिशन से जुड़े अपडेट्स साझा कर रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नवीनतम अपडेट के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक ‘मूनवॉक’ कर 8 मीटर की दूरी तय कर ली है और इसके सारे पेलोड सही तरीके से काम कर रहे हैं। बता दें, चंद्रयान -3 का विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सुरक्षित रूप से उतरा था। आइए अब एक नजर चंद्रयान-3 की यात्रा पर डालते हैं। इसरो ने बुधवार को शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस ‘लैंडर मॉड्यूल’ की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कराई। इसी के साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बन गया। इसके अलावा, भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले, अमेरिका, चीन और सोवियत संघ यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के कुछ समय बाद ही इसरो के मून मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद की तस्वीरें भेजीं। यह तस्वीर उस समय ली गई थीं, जब लैंडर विक्रम बुधवार को चांद की सतह पर उतर रहा था। इसके बाद लैंडर ने एक और तस्वीर भेजी, जिसमें लैंडिंग साइट दिख रही थी। इसके अलावा, लैंडर का एक पैर और उसके साथ की परछाई दिखाई दी। बता दें, चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र चुना है। इसरो ने बताया था कि Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित किया गया है। तस्वीरें लैंडर विक्रम के हॉरिजोन्टल वेलोसिटी कैमरे से ली गईं, जब यह धीरे-धीरे नीचे उतर रहा था। इसरो ने 24 अगस्त की सुबह एक वीडियो साझा की। इसमें बताया गया कि रोवर लैंडर से बाहर निकल गया है और चांद पर चहलकदमी कर रहा है। इसरो ने बताया था कि सभी गतिविधियां निर्धारित समय पर हैं। सभी प्रणालियां सामान्य हैं। लैंडर मॉड्यूल पेलोड ILSA, RAMBHA और ChaSTE ने काम करना शुरू कर दिया है। रोवर की गतिशीलता संचालन शुरू हो गया है। इसरो ने बताया कि प्रॉपल्शन मॉड्यूल पर SHAPE पेलोड रविवार को चालू किया गया था। 25 अगस्त को विक्रम लैंडर से बाहर निकलने और चंद्रमा की सतह पर चलने वाले प्रज्ञान रोवर का एक वीडियो इसरो द्वारा जारी किया गया था। इसरो ने एक और वीडियो जारी कर बताया कि कैसे दो खंडों वाले रैंप ने रोवर के रोल-डाउन में सुविधा प्रदान की। इसमें बताया गया कि एक सौर पैनल ने रोवर को बिजली पैदा करने में सक्षम बनाया। इसरो ने शुक्रवार शाम को बताया था कि चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चांद की सतह पर लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। इसके उपकरण चालू हो गए हैं। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि सभी नियोजित रोवर गतिविधियों को सत्यापित कर लिया गया है। रोवर के उपकरण एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड सामान्य प्रदर्शन कर रहे हैं। इसरो ने शनिवार को बताया था कि चंद्रयान -3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से दो हासिल कर लिए गए हैं, जबकि तीसरे पर काम चल रहा है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस स्थान का नाम शिव शक्ति पॉइंट रखने की घोषणा की, जहां विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी। वहीं, 2019 में जिस जगह पर चंद्रयान -2 लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उसका नाम तिरंगा पॉइंट रखने का निर्णय लिया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने एलान किया कि 23 अगस्त को जिस दिन चंद्रयान -3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा, उसे 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाया जाएगा 14 दिन बहुत खास इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा था कि चंद्रयान-3 के अधिकतर वैज्ञानिक मिशन उद्देश्य अब पूरे होने जा रहे हैं। लैंडर और रोवर सभी चालू हैं। उन्होंने कहा था कि अभी तक बहुत डाटा प्राप्त हुए हैं। 14 दिनों तक मिलने वाले डाटा को लेकर सभी उत्साहित हैं।