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उत्साह में जवानों ने एक ड्रिल करने की बनाई योजना , खफा हुए बड़े साहब

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' के वैज्ञानिकों ने जब 'चंद्रयान-3' को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतारा तो भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में खुशी मनाई गई। कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने पीएम मोदी और 'इसरो' की टीम के लिए बधाई संदेश भेजे। इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' की पुलवामा स्थित यूनिट के जवानों ने 'इसरो' के सम्मान में एक छोटी सी ड्रिल कर दी। जवानों ने एक मिनट के भीतर गमलों और ईंटों के द्वारा 'इसरो' लिखा था। बस फिर क्या था, बड़े साहब नाराज हो गए। बल के श्रीनगर ऑपरेशन सेक्टर आईजी दफ्तर से फरमान जारी हो गया कि इस तरह की गतिविधि करने से पहले इजाजत लेनी होगी। साथ ही ये भी कह दिया कि इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाए। बता दें कि पुलवामा में करीब दो दर्जन जवानों ने 'इसरो' की कामयाबी पर अपनी खुशी जाहिर की थी। जब पूरे देश में जश्न का माहौल था तो सीआरपीएफ के जवान भी इस खुशी में शामिल हो गए। उत्साह में जवानों ने एक ड्रिल करने की योजना बनाई। इसमें किसी तरह का कोई खर्च नहीं हुआ। खेल के मैदान में गमले रखे हुए थे और वहीं पर ईंट पड़ी हुई थी। चंद्रयान 3 का जयकारा लगाया। उसके साथ ही जवानों ने अपनी बटालियन की भी जय बोली। अमूमन देखने को मिलता है कि जब भी कोई आईजी या उससे बड़ा अधिकारी किसी बटालियन का दौरा करता है तो उसकी आवभगत में ही लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। सीआरपीएफ जवानों ने बिना एक पैसा खर्च किए 'इसरो' की कामयाबी पर खुशी जाहिर की। उनका 57 सेकंड का वीडियो जैसे ही वायरल हुआ तो श्रीनगर में बैठे 'साहब' को उसकी भनक लग गई। 25 अगस्त को साहब के दफ्तर से आदेश जारी हो गया। यह आदेश श्रीनगर ऑपरेशन सेक्टर के तहत आने वाली सभी यूनिटों के लिए था। आदेश में लिखा था कि ऐसा पता चला है कि बल की कुछ यूनिटों में चंद्रयान 3 की कामयाबी को लेकर अधिकारियों और जवानों ने उत्सव सेलिब्रेट किया है। भविष्य में ध्यान रहे कि इस तरह का कोई भी उत्सव मनाने से पहले श्रीनगर हेडक्वार्टर से इजाजत लेनी होगी। पुलवामा में करीब दो दर्जन जवानों ने 'इसरो' की कामयाबी पर अपनी खुशी जाहिर की थी। जब पूरे देश में जश्न का माहौल था तो सीआरपीएफ के जवान भी इस खुशी में शामिल हो गए। उत्साह में जवानों ने एक ड्रिल करने की योजना बनाई। इसमें किसी तरह का कोई खर्च नहीं हुआ। खेल के मैदान में गमले रखे हुए थे और वहीं पर ईंट पड़ी हुई थी। चंद्रयान 3 का जयकारा लगाया। उसके साथ ही जवानों ने अपनी बटालियन की भी जय बोली।