पिता की गुहार पर दामाद से हटा अपहरण का दाग, 13 साल बाद हाईकोर्ट ने किया दोषमुक्त, अपहरण के मामले में हुई तीन साल की सजा हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपहरण के मामले के मामले में एक व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया। पीडि़ता के पिता ने न्यायालय के सामने गुहार लगाई थी कि दोनों पर विवाह कर लिया है। 15 साल से अच्छा वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। दो बच्चे भी हैं। ऐसी स्थिति में माफी दी जाए। कोर्ट ने इस तर्क को सुनने के बाद तीन साल की सजा से दोषमुक्त कर दिया। 13 साल बाद अपहरण का दाग हट गया। दरअसल वरुण सिकरवार के खिलाफ भिंड के देहात थाने में 28 मर्ई 2007 को अपहरण का केस दर्ज हुआ था। वरुण के ऊपर लडक़ी के पिता ने केस दर्ज कराया था। पुलिस ने पूरे मामले की जांच कर न्यायालय में चालान पेश किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपहरण के मामले में दोषी मानते हुए पांच अप्रैल 2010 को तीन साल की सजा सुनाई। विचारण के दौरान वरुण ने पीडि़ता से नवंबर 2007 में विवाह कर लिया था। वरुण ने सजा के आदेश को 2010 में हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उसकी अपील 13 साल से लंबित थी। हाईकोर्ट में 14 अगस्त 2023 को अंतिम बहस हुई। लडक़ी के पिता की ओर से समझौता पेश किया गया। बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था, लेकिन कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माना कि पीडि़ता की उम्र को लेकर कोर्ई दस्तावेज पेश नहीं किया गया। एफआइआर दर्ज करते वक्त उसकी उम्र 17 महीने बताई जा रही है। जबकि मार्कशीट में जो जन्म तिथि दर्ज है, उसके हिसाब से पीडि़ता बालिग है। उम्र के विवाद को देखते हुए कोर्ट ने वरुण सिकरवार को दोषमुक्त कर दिया।
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