प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह स्वभाविक है कि जी20 की बैठकें देश के हर हिस्से में आयोजित होंगी। प्रधानमंत्री ने चीन की उन आपत्तियों को खारिज कर दिया, जिनमें चीन ने अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में जी20 बैठकों का आयोजन होने पर नाराजगी जताई थी। बता दें कि भारत की अध्यक्षता में जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश समेत कई जगहों पर जी20 की बैठकें आयोजित की गईं। प्रधानमंत्री ने कही ये बात बता दें कि भारत की संस्कृति और विविधता को दर्शाने के लिए सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में जी20 की बैठकें आयोजित की थी। ये बैठकें अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी आयोजित की गईं थी। इस पर चीन और पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी क्योंकि चीन अरुणाचल प्रदेश को और पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को 'विवादित' मानते हैं। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने चीन, पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि 'यह सवाल उस वक्त वैध होता अगर हमने उन जगहों पर बैठकें करने से परहेज किया होता। हमारा देश विशाल और विविधताओं से भरा है। जब देश में जी20 बैठकें हो रही हैं तो ये स्वभाविक है कि यह देश के हर हिस्से में आयोजित की जाएंगी।' 60 शहरों में हुईं जी20 की बैठकें पर्यटन के मुद्दे पर जी20 वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक 22 मई को श्रीनगर में हुई थी। इस दौरान चीन को छोड़कर अन्य जी20 देशों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में शिरकत की थी। वहीं मार्च में अरुणाचल प्रदेश में भी जी20 की बैठक हुई थी। भारत ने चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्र में कहीं भी बैठकें करने के लिए स्वतंत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जी20 में जब भारत की अध्यक्षता समाप्त होगी, तब तक 220 से ज्यादा बैठकें, देश के 60 शहरों और 28 राज्यों में हो चुकी होंगी। इस दौरान 125 देशों के एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधि इन बैठकों में शिरकत कर चुके होंगे।
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