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पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की कुल 16 किसान जत्थेबंदियों ने आज ट्रैक्टर रैली और चंडीगढ़ घेराव का आह्वान किया है। करीब दस हजार किसानों के चंडीगढ़ की ओर कूच करने की योजना है। सोमवार से ही किसानों को रोकने के लिए उनकी धरपकड़ की जा रही है।

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खराब हुई फसल के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान जत्थेबंदियों ने आज चंडीगढ़ में धरना देने का एलान किया हुआ है। वहीं किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पंचकूला और मोहाली से लगते शहर के 27 प्रवेशद्वार सील कर दिए हैं। चंडीगढ़-जीरकपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। यहां आईटीबीपी, सीआरपीएफ के टुकड़ियां भी हथियारों के साथ मौजूद हैं। सीटीयू की बसें भी खड़ी की गई हैं ताकि अगर कोई किसान नेता या अन्य कोई उपद्रव करे तो उन्हें यहां से हटाकर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा सके। चंडीगढ़ पुलिस सेक्टर 31 थाना के एसएचओ राम रतन समेत डीएसपी क्राइम ब्रांच उदयपाल, इंडस्ट्रियल एरिया थाना एसएचओ जसपाल सिंह भुल्लर समेत अन्य पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद हैं। पुलिस फोर्स की भारी तैनाती और वाहनों की चेकिंग के चलते चंडीगढ़-जीरकपुर मार्ग पर जीरकपुर की तरफ लगभग 2 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। मोहाली में चेकिंग मोहाली में सेक्टर-52-53 और फर्नीचर मार्केट समेत अन्य सीमाओं से मोहाली आने-जाने वाले हर वाहन की पुलिसकर्मी जांच कर रहे हैं। पुलिस नहीं चाहती है कि प्रदर्शनकारी किसी भी वाहन में छुपकर किसी तरह वहां न पहुंच जाएं इसलिए सीमा पर सख्ती बढ़ा दी गई है। सीमा पर जांच के चलते थोड़ा जाम लग रहा है लेकिन अभी स्थिति सामान्य है। फरीदकोट में छह किसान नेता हिरासत में फरीदकोट में जिला पुलिस ने चंडीगढ़ धरने के मद्देनजर छह किसान नेताओं को हिरासत में लिया है, जिन्हें फिलहाल थानों में बिठाया गया है। इनमें भाकियू क्रांतिकारी के प्रांतीय उप प्रधान लाल सिंह गोलेवाला भी शामिल है। सूत्रों के मुताबिक फरीदकोट जिले से किसानों की चार ट्रैक्टर ट्रॉली चंडीगढ़ रवाना हुई जिनमें से दो को तलवंडी भाई को रोक लिया गया है। किसानों को रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने सीमाओं पर चार हजार और मोहाली पुलिस ने 1500 पुलिसर्मियों की ड्यूटी लगाई है। किसानों को शहर में दाखिल होने से रोकने के लिए सभी डिवीजन के डीएसपी की जिम्मेदारी लगाई है। पंजाब और हरियाणा के किसान चंडीगढ़ में घुसकर सेक्टर-17 के परेड ग्राउंड में धरना देना चाहते हैं। चंडीगढ़ पुलिस किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने की योजना बना रही है। हालाकि पंजाब और हरियाणा में चंडीगढ़ आने वाले कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉर्डर एरिया में रैपिड एक्शन फोर्स, इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के अलावा चंडीगढ़ पुलिस के जवान तैनात कर दिए हैं। एसएसपी कंवरदीप कौर ने साफ कर दिया है कि किसी भी हाल में किसानों को शहर में घुसकर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा फोर्स तैनात की जाएगी। दूसरी ओर, एक अन्य अधिकारी ने कहा है कि यातायात में कोई दिक्कत न हो इसके लिए भी पूरी तैयारी की गई है। शहर में पंचकूला और मोहाली की तरफ से आने वाले रास्तों को सील करने के चलते कुछ सड़कों को जरूरत पड़ने पर डायवर्ट किया जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की मोहाली और पंचकूला के अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर बैठक की है। इससे पहले शहर के प्रशासक बीएल पुरोहित ने किसान जत्थेबंदियों के 11 प्रतिनिधियों से बीते रविवार को मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि वह उनकी मांगों को केंद्र तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। बैठक में पंजाब पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बता दें कि बीते 7 जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर कौमी इंसाफ मोर्चा बंदी सिखों की रिहाई के लिए धरना दे रहा है। इससे चंडीगढ़-मोहाली मार्ग बाधित है। बीते 8 फरवरी को मोर्चे के प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हिंसक झड़प भी हुई थी। मोहाली पुलिस भी तैयार, जीरकपुर सीमा पर बैरिकेडिंग मोहाली पुलिस भी किसानों को रोकने के लिए तैयार है। जीरकपुर में चंडीगढ़ सीमा पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। कौमी इंसाफ मोर्चे के धरने के कारण पहले ही शहर में लोगों को काफी परेशानी हो रही है इसलिए प्रशासन नहीं चाहता है कि किसान फेज-8 स्थित गुरुद्वारा अंब साहिब पहुंचें और वहां से चंडीगढ़ के लिए कूच करें। इसके लिए पुलिस ने कई किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया है। कई जगह किसानों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के आलाधिकारियों ने कई दौर की बैठकों के बाद रैपिड एक्शन फोर्स, अर्धसैनिक बल और पुलिस के 1500 जवानों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही डीएसपी स्तर के अफसरों की ड्यूटी भी लगाई है ताकि हालात बिगड़ने पर भी मौके के अनुसार तुरंत फैसला लेकर स्थिति को संभाल सकें। उधर, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कुछ सदस्यों की नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार उनके साथ धक्केशाही कर रही है। वह बाढ़ से खराब हुई किसानों की फसलों का मुआवजा लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की ओर से उन्हें सीमाओं पर रोकना गलत है।