देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40% ड्यूटी लगा दी है। अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार इस कदम से देश में प्याज की अवेलेबिलिटी को बनाए रखना चाहती है और इससे कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी। सोमवार से दिल्ली में सब्सिडाइज्ड रेट 25 रु/Kg में मिलेगी प्याज वहीं NCCF सोमवार से दिल्ली में 25 रुपए प्रति किलोग्राम के सब्सिडाइज्ड रेट्स यानी रियायती कीमतों पर सरकारी बफर स्टॉक से प्याज की रिटेल सेल मोबाइल वैन और रिटेल स्टोर्स के जरिए शुरू करेगा। कंज्यूमर्स को प्याज की ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने यह फैसला किया है। इस बात की जानकारी रविवार को एक अधिकारी ने दी है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, प्याज की ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस शनिवार को 30.72 रुपए प्रति किलो थी। अधिकतम कीमत मिजोरम के चंफई में है जहां 63 रुपए प्रति किलो में प्याज बिक रहा है। न्यूनतम कीमत मध्य प्रदेश के नीमच और बुरहानपुर में है जहां प्याज 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है। वहीं इस महीने की शुरुआत में यानी 1 अगस्त को प्याज की अधिकतम कीमत नगालैंड के शामाटर में थी। यहां प्याज 75 रुपए प्रति किलो में बिक रहा था। न्यूनतम कीमत नीमच में थी। यहां 10 रुपए प्रति किलोग्राम में प्याज बिक रहा था। ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस 27.27 रुपए थी। दिल्ली में इसकी कीमत 30 रुपए प्रति किलो चल रही थी। प्याज की कीमत क्यों बढ़ी, दाम कब घटेंगे क्रिसिल ने इस महीने की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सप्लाई घटने से सितंबर की शुरुआत में प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। फरवरी में महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की फसल जल्दी पक गई। मार्च में इन इलाकों में बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से प्याज की फसल आनी शुरू हो जाएगी। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में नरमी आएगी। सरकार के पास फिलहाल 3 लाख टन स्टॉक सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत 3 लाख टन प्याज का स्टॉक बनाए रखा है, ताकि कम सप्लाई वाले मौसम के दौरान बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। इसके अलावा सरकार प्याज को ई-ऑक्शन, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के साथ मिलकर कंज्यूमर को-ऑपरेटिव रिटेल आउटलेट्स के जरिए मार्केट में उतार रही है। प्याज के उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में टॉप पर : साल 2021 में भारत ने 26.6 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन किया था। चीन 24.2 लाख मीट्रिक टन प्याज उत्पादन के साथ दूसरे नंबर पर रहा था। तीसरे नंबर पर इजिप्ट था, जिसने 3.3 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन किया था। भारत में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में : भारत में होने वाले प्याज के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की 43% हिस्सेदारी थी। मध्यप्रदेश की 16%, कर्नाटक की 9% और गुजरात की भी 9% हिस्सेदारी थी। महाराष्ट्र में लगातार प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में पूर्व कृषि मंत्री दादा भुसे का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर दो से चार महीने तक लोगों ने प्याज नहीं खाया तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। Maharashtra: 'अगर एक-दो महीने प्याज न खाया तो कुछ बिगड़ेगा नहीं’, पूर्व कृषि मंत्री की जनता को अजीब सलाह न्यूज डेस्क, अमर उजाला, महाराष्ट्र Published by: काव्या मिश्रा Updated Tue, 22 Aug 2023 09:33 AM IST सार 70762 Followers देश पूर्व मंत्री ने कहा कि प्याज के दामों का बढ़ना-घटना लगा रहता है। कभी-कभी प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल होती है, जबकि कभी-कभी इसकी कीमत 2,000 रुपये प्रति क्विंटल होती है। उन्होंने कहा कि चर्चा करके समाधान निकाला जा सकता है। It will make no difference if people don't eat onions for 2-4 months: Maharashtra minister पूर्व कृषि मंत्री की जनता को अजीब सलाह - फोटो : Social Media Reactions 1 1 विस्तार Follow Us महाराष्ट्र में लगातार प्याज के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में पूर्व कृषि मंत्री दादा भुसे का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर दो से चार महीने तक लोगों ने प्याज नहीं खाया तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। Trending Videos प्याज पर बढ़ा निर्यात शुल्क दरअसल, प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है। इसके खिलाफ किसान और व्यापारी विरोध कर रहे हैं। इसी बीच, नाशिक के पालक मंत्री दादा भुसे ने आम जनता को एक अजीबोगरीब सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि दाम बढ़ने की वजह से अगर लोग प्याज नहीं खरीद सकते, तो दो-चार महीने न खाएं। इससे प्याज खराब नहीं होगा। हालांकि, राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सोमवार को यह भी कहा कि निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय उचित समन्वय के साथ लिया जाना चाहिए था। यह दी सलाह उन्होंने कहा कि जब आप 10 लाख रुपये के वाहन का उपयोग करते हैं, तो आप खुदरा दर से 10 रुपये या 20 रुपये अधिक दर पर उपज खरीद सकते हैं। जो लोग प्याज खरीद नहीं सकते, वे दो-चार महीने तक न भी खाएं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चर्चा कर समाधान निकाला जा सकता भुसे ने कहा कि प्याज के दामों का बढ़ना-घटना लगा रहता है। कभी-कभी प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल होती है, जबकि कभी-कभी इसकी कीमत 2,000 रुपये प्रति क्विंटल होती है। उन्होंने कहा कि इसपर चर्चा की जा सकती है और एक समाधान निकाला जा सकता है। नीलामी अनिश्चित काल के लिए बंद इससे पहले सोमवार को, व्यापारियों ने लासलगांव सहित नासिक में सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया, जो भारत में सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार है। जिले भर में विरोध प्रदर्शन सूत्रों ने बताया कि नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ ने केंद्र द्वारा अपना फैसला वापस लेने तक अनिश्चित काल तक प्याज की नीलामी में हिस्सा नहीं लेने का आह्वान किया था। वहीं, कई किसानों और व्यापारियों ने निर्यात शुल्क वापस लेने की मांग को लेकर जिले भर में विरोध प्रदर्शन किया।
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