Articles

SC ने ममता बनर्जी को शिक्षक भर्ती के घोटाले में दिया तगड़ा झटका,भतीजे अभिषेक को ED-CBI की पूछताछ से राहत नहीं है

Profile

पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले (Teachers Job Scam) में सुप्रीम कोर्ट ने TMC सांसद अभिषेक बनर्जी को बड़ा झटका दिया है। ED और CBI की जांच से अभिषेक को राहत देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को Supreme Court ने खारिज कर दिया है। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी को एक जोरदार झटका दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने अभिषेक बनर्जी को ED और CBI द्वारा की जा रही जांच में राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी, लेकिन SC ने अपनी सुनवाई में इस याचिका को खारिज कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता HC के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक के खिलाफ ED और CBI जांच से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया था। SC ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका खारिज करते हुए कहा कि राज्य के टीचर भर्ती घोटाले और निगम भर्ती घोटाले के तार भी आपस में जुड़े हुए हैं। CBI और ED अभिषेक से करना चाहती है पूछताछ शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर दोनों केंद्रीय एजेंसियां (CBI और ED) TMC सांसद अभिषेक से पूछताछ करना चाहती हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट चली गई थी, जहां उसके मांग को खारिज कर दिया गया। इसके बाद ममता सरकार ने HC के फैसले को चुनौती देते हुए SC में याचिका दाखिल की, लेकिन उन्हें यहां भी निराशा हाथ लगी। मामला जानिए बता दें कि बंगाल के शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के समय स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने शिक्षकों की भर्तियां निकाली थीं, जिसकी भर्ती प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में गड़बड़ी होने का आरोप लग था। पैसा लेकर नियुक्ति पत्र बांटने के आरोप भी लगे थे। बता दें कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनके करीबी के घर जब रेड मारा गया तो बड़ी मात्रा में कैश बरामद किये गए थे। तभी से वो जेल में हैं। अब इसी मामले में दोनों केंद्रीय एजेंसियां बंगाल के सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर TMC MP अभिषेक बनर्जी की भूमिका की जांच कर रही हैं क्योंकि ED और CBI दोनों द्वारा यह कहा जा रहा है कि राज्य के टीचर भर्ती घोटाले और निगम भर्ती घोटाले के तार भी आपस में जुड़े हुए हैं।