सीएम अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू में यह बात कही कि हालात ऐसे बने कि मैं अध्यक्ष नहीं बन पाया। यह 100 गुना ज्यादा अच्छा होगा और यह मुख्यमंत्री से बहुत बड़ा पद है। सीएम ने यह भी कहा कि कांग्रेस में हाईकमान ही लोगों को मुख्यमंत्री और मंत्री बनाता है। लेकिन यह सब भविष्य की बातें हैं। अटैक किस पर करें ? बीजेपी के पास कोई चेहरा तक नहीं है अशोक गहलोत ने फिर दोहराया कि सचिन पायलट को केंद्रीय मंत्री बनाने में मैंने सहयोग किया था। राजस्थान में सीएम फेस के लिए बीजेपी में चेहरा नहीं होने के सवाल पर सीएम बोले- हमारे लिए बड़ी समस्या यह है कि वहां कोई चेहरा नहीं है। अटैक किस पर करें ? बीजेपी के पास कोई चेहरा तक नहीं है। हमें अपनी अप्रोच चेंज करनी पड़ेगी। लेकिन मैं सोचता हूं कि जनता इस बार हमें फिर से मौका देने के मूड में है। जब सचिन केंद्रीय मंत्री बने, तब मैंने सहयोग किया था सीएम गहलोत ने कहा-कांग्रेस हाईकमान ही सीएम और मंत्री बनाता है। सचिन पायलट के सवाल पर गहलोत ने कहा-जब सचिन केंद्रीय मंत्री बने थे, तब मैंने सहयोग किया था। हमने राजस्थान में 20 लोकसभा सीटें जीती थीं। मुझसे पूछा गया तो मैंने सचिन पायलट का नाम सुझाया था। क्योंकि पायलट गुर्जर समुदाय से हैं और तब वसुंधरा सरकार में आंदोलनकारी गुर्जरों को गोली से भून दिया गया था। उस वक्त गुर्जर और मीणा समुदाय में तनाव था। कांग्रेस में हाईकमान ही लोगों को मुख्यमंत्री और मंत्री बनाता है। यह हमारी पार्टी का अनुशासन है और यह सब भविष्य की बातें हैं। यह गलत धारणा है कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता था एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने कहा कि यह गलत धारणा है कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता था, इसलिए पद नहीं छोड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना। सच्चाई क्या है सोनिया गांधी जानती हैं। मैं इस मामले की और ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहता। हम सब मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा, क्योंकि यह 100 गुना ज्यादा अच्छा पद है और अगर आज मौका मिलता है, तो मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा। गहलोत के बयान के सियासी मायने सीएम गहलोत खुद कह चुके हैं कि मेरे बयान के सियासी मायने होते हैं। मैं कोई बात बहुत सोच समझकर ही कहता हूं। अब माना जा रहा है कि सीएम ने यह बात काफी सोच विचार के बाद कही है। हाल ही में मसूदा में सचिन पायलट ने भी कहा था कि भविष्य में क्या हो कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी को जिताने की अपील जनता से की है। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। गहलोत और पायलट दोनों ही चुनाव में एक-दूसरे को साथ लेकर और साधकर चलना चाहते हैं। क्योंकि एकजुटता से ही कांग्रेस फिर से सत्ता रिपीट करने में भागीदारी निभा सकती है। अगर पार्टी में किसी मुद्दे पर फूट पड़ी तो यह बना बनाया खेल बिगाड़ने वाली बात होगी। इसलिए चुनाव से पहले सीएम गहलोत ऐसे संकेत दे रहे हैं कि मेरी मंशा तो पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रही है और सोनिया गांधी को यह बता भी दिया था। लेकिन हालात ऐसे थे कि वे कुछ कर नहीं सके। इससे सचिन पायलट भी कुछ कंफर्ट जोन में आए हैं। उन्हें भी आगे के लिए उम्मीदें जागी हैं। लेकिन सीएम ने दूसरी तरफ यह भी साफ कर दिया है कि कांग्रेस हाईकमान ही मुख्यमंत्री और मंत्री तय करता है, यानि चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहते हैं और बहुमत आता है, तो हाईकमान ही फैसला करेगा, किसे क्या पद दिया जाए। मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जो दलित समाज से आते हैं। उन्हें पद पर बैठाने के बाद पद से फिलहाल तो हटाना किसी सूरत में नज़र नहीं आता है। क्योंकि इसका विधानसभा चुनाव ही नहीं लोकसभा चुनाव पर भी कांग्रेस के लिए बेहद गलत इम्पेक्ट पड़ सकता है। इसलिए हालिया परिस्थितियों में यह सम्भव नजर है। लेकिन इस बयान के जरिए सीएम गहलोत ने कांग्रेस हाईकमान को भी मैसेज दे दिया है कि जो धारणा बनी हुई है वो गलत है। गहलोत ने कांग्रेस हाईकमान के प्रति अपनी लॉयलिटी ही इस बयान के जरिए जाहिर किया है।
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