मानसून के इस सीजन में कई बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। डेंगू इन्हीं बीमारियों में से एक है जिसके मामले देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में एनसीआर में इसकी वजह से दो मौत के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में जानते हैं इस बीमारी के लक्षण से लेकर बचाव तक सभी जरूरी बातें मानसून का सीजन अपने साथ सुहाना मौसम और खुशनुमा माहौल लेकर आता है। हालांकि, साथ ही इस मौसम में कई सारी बीमारियां और संक्रमण भी लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। इस मौसम में कई सारी वॉटर बॉर्न और वेक्टर बॉर्न बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। डेंगू इन्हीं बीमारियों में से एक है, जिसके मामले इन दिनों देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में एनसीआर में डेंगू से हुई दो मौतों के मामले सामने आए हैं। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली में पिछले दो महीनों में 900 से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि सभी को इस बीमारी के बारे में पूरी और सही जानकारी हो, ताकि खुद को इससे सुरक्षित रखा जा सके। आइए जानते हैं डेंगू के लक्षण से लेकर बचाव तक सबकुछ- डेंगू है वेक्टर -बॉर्न डिजीज डेंगू एक वेक्टर-बॉर्न डिजीज है, तो मच्छरों के काटने से होता है। वेक्टर-बॉर्न डिजीज आमतौर पर उन बीमारियों को कहा जाता है, जो मच्छरों, टिक्स, मक्खियों और पिस्सू आदि के काटने से फैलती हैं। इस तरह की बीमारियों में व्यक्ति बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट जैसे पेथोजन की वजह से बीमारियों की चपेट में आता है। मलेरिया, डेंगू, जीका वायरस, लाइम रोग और चिकनगुनिया आदि इन बीमारियों के सामान्य उदाहरणों हैं। इसके प्रकार मच्छर से होने वाली इस बीमारी के चार आम प्रकार हैं। इनमें DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4, शामिल हैं। ये सभी गंभीर बीमारी का कारण बनने में सक्षम हैं। इन सभी में से 99 प्रतिशत मामलों में हल्के से मध्यम लक्षण होते हैं। हाल के दिनों में पांचवें स्ट्रेन (DENV-5) की भी पहचान की गई है। डेंगू बुखार के कारण रुका हुआ या धीमी गति से बहने वाला पानी मच्छरों प्रजनन के बिल्कुल सही होता है। ये मच्छर घरों में दरवाजों, खिड़कियों, झरोखों और चिमनियों के छोटे-छोटे छेदों के जरिए प्रवेश करके भी किसी व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। डेंगू का प्रकोप मानसून के मौसम में सबसे आम है। गर्म तापमान मच्छरों के शरीर में डेंगू वायरस की प्रतिकृति को बढ़ाता है, जिससे वे लोगों को अधिक तेजी से संक्रमित करने में सक्षम होते हैं। लक्षण सिरदर्द हल्का बुखार गले में दर्द शरीर में दर्द उल्टी करना बार-बार दस्त आना सूजन ग्रंथियां जी मिचलाना आंखों में दर्द हल्की सांस फूलना गंभीर लक्षण हाई ग्रेड फीवर प्लेटलेट काउंट में कमी डिहाइड्रेशन पेट में तेज दर्द ब्लड प्रेशर में गिरावट थकान कमजोरी लगातार उल्टी और दस्त होना पीली आंखें इससे बचाव मच्छरों से बचने के लिए मानसून के मौसम के दौरान सुरक्षात्मक कपड़े पहने घर पर इन्सेक्ट रिपैलेंट का उपयोग करना घर में या घर के अंदर पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों को पनपने में मदद करेगा। घर के आसपास मौजूद नालियों की समय-समय पर सफाई करें।
Articles