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जानिए दुनिया के पहले और आखिरी फाइटर जेट चोरी की पूरी कहानी मोसाद ने क्यों चुराया था इराक का मिग 21,

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क्या आपने सुना है कि विमान भी चोरी हो जाता है। वह भी लड़ाकू विमान। नहीं न। ऐसा हो चुका है। इजरायल की खुफिया एजेंसी ने दिन दहाड़े एक मिग 21 इराक से चुरा लिया था। MiG-21 यानी मिकोयन-गुरेविच भारत का पहला सुपरसोनिक जेट जिसने 1965 की जंग हो या फिर 1971 का युद्ध। 1999 का वार हो या फिर 2019 की डॉग फाइट। इस लड़ाकू विमान ने 1965 से लेकर 2023 तक दुश्मनों की नाक में दम किए रखा। पाकिस्तानी की सीमा से लेकर चीन की एलएसी तक नजर रखने वाले इस लड़ाकू विमान मिग 21 ने श्रीनगर एयरवेस को अब अलविदा कह दिया है। इसकी जगह मिग 29 ने ली है।क MiG-21 यानी मिकोयन-गुरेविच भारत का पहला सुपरसोनिक जेट जिसने 1965 की जंग हो या फिर 1971 का युद्ध। 1999 का वार हो या फिर 2019 की डॉग फाइट। इस लड़ाकू विमान ने 1965 से लेकर 2023 तक दुश्मनों की नाक में दम किए रखा। पाकिस्तानी की सीमा से लेकर चीन की एलएसी तक नजर रखने वाले इस लड़ाकू विमान मिग 21 ने श्रीनगर एयरवेस को अब अलविदा कह दिया है। इसकी जगह मिग 29 ने ली है।इसके लिए इजरायल की एजेंसी मोसाद ने काम करना भी शुरू कर दिया था। 1962 में मोसाद एजेंट जीन थॉमस ने मिस्र पायलट से एक मिलियन डालर में डील भी पक्की कर ली थी, लेकिन उस पायलट ने बात लीक कर दी और एजेंट थॉमस को पकड़कर जासूसी के आरोप में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। इसके बाद मोसाद चुप बैठ गई। ऐसे में जब वीजमैन ने फिर मिग21 चुराने को कहा तो एक बार फिर कोशिश शुरू हुई। ऐसे हुआ आपरेशन डायमंड 1964 में मोसाद ने इस बार मिस्र के बजाय इराक पर ध्यान केंद्रित किया। यहां उन्होंने यहां एक यहूदी शख्स यूसुफ से संपर्क साधा। यूसुफ की पत्नी के एक मित्र की शादी मिग 21 उड़ाने वाले इराकी ईसाई मुनीर रेडफा से हुई थी। मुनीर रेडफा ईसाई था। उसे ईसाई होन के कारण इराक वायु सेना में वो ओहदा और सम्मान नहीं मिलता था। जिसका वो वास्तव में हकदार था। उसे इस हद तक प्रताड़ित किया जाता था कि उसे मिग 21 उड़ाने के लिए तेल भी आधा दिया जाता था। जिससे वो ज्यादा देर और दूर तक उड़ान न भर पाए। एक बार उसे मिग 21 के बजाय निचली रैंक का विमान उड़ाने के लिए दे दिया गया। यह बात मुनीर के दिल में बैठ गई। मुनीर अब हर तरह से इराक वायु सेना से बेहद नाराज पायलट बन चुका था। यही मोसाद के लिए सबसे बेहतर अवसर था। महिला एजेंट ने किया ब्रेनवॉश पायलट से की मोसाद एजेंट ने दोस्ती इराक वायु सेना का पायलट मुनीर रेडफा बुरी तरह से अपनी सेना पर खीझा हुआ था। इसी समय मोसाद की एक महिला एजेंट मुनीर से दोस्ती कर लेती है। वह इतने करीब आ जाती है कि मुनीर को बहुत आराम से विश्वास दिला देते है कि इराक में उसके ईसाई होने के कारण उसका कोई भविष्य नहीं है। ऐसे में वह इराक छोड़ दे। मुनीर जब इराक छोड़ने के लिए राजी हो गया तो महिला ने उसकी मुलाकात इजरायल वायु सेना के मेजर जनरल मोर्डेकाई हॉड से कराई। फिर हॉड ने कहा कि क्या वह उनके लिए एक मिग 21 ला सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो उसके परिवार और रिश्तेदार की रक्षा की जाएगी। सभी को इजरायल में नागरिकता के साथ नौकरी दी जाएगी। फिर मुनीर थोड़ी देर में मान गया। इसके बाद फिर मोसाद ने मुनीर के पूरे परिवार रिश्तेदार को इलाज के बहाने, चिकित्सा के बहाने इराक से निकाल लिया। ..और इराकी विमान दिनदहाड़े हो गया चोरी 16 अगस्त 1966 हर दिन की तरह आज भी मुनीर अपने मिग 21 के साथ उड़ान के लिए तैयार हुआ। आज फिर तेल भरने वाले उसे आधा टैंक ही तेल दे रहे थे लेकिन मुनीर ने उन्हें डांट दिया तो उन्होंने जेट में पूरा तेल भर दिया। बगदाद से मुनीर ने उड़ान भरी और फिर पश्चिम की तरफ वह मुड़ते हुए उत्तरी जार्डन की तरफ पहुंच गया। जार्डन रडार पर जार्डन की वायु सेना ने उसे मुड़ने के लिए कहा लेकिन ठकी उसी समय इजरायल वायु सेना ने जार्डन को कहा कि यह सीरिया का जेट है और रूटीन प्रशिक्षण पर है। इसके बाद जैसे मुनीर का मिग 21 इजरायल के राडार पर दिखाई दिया। इजरायल ने दो दसां मिराज 3 भेज दिया और फिर मुनीर को एस्कार्ट करते हुए उसे इजरायल के हैत्जर हवाईअडडे पर उतार लिया गया। मिग 21 का अध्यययन कर मार गिराए सीरिया के छह मिग 21 जेम्सबांड स्टाइल में मिग 21 चुराने के बाद इसका पूरा अध्ययन इजरायली पायलटों ने किया। इस विमान में उन्होंने उड़ान भी भरी। संयुक्त राज्य अमरीका की वायुसेना ने भी इसका पूरा अध्ययन किया। इसके बाद जब 1967 में इजरायल के गोलन हाईटस पर सीरिया ने मिग 21 से हमला किया तो इजरायल ने अपने मिराज 2 से ही छह मिग 21 मार गिराए। वह भी बिना किसी प्रकार का नुकसान हुए। अमरीका इसी अध्ययन के आधार पर 1974 में अपना बेस्ट फाइटर फाल्कन 16 यानी एफ—16 बनाया। इसी एफ 16 को 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन ने उसी मिग 21 से मार गिराया था। मुनीर का चुराया मिग 21 आज भी इजरायल वायु सेना के म्यूजियम में रखा हुआ है।