समरहिल हादसे के पांच घंटे बाद जेसीबी आई। इस दौरान लोग हाथों से मलबा हटाकर अपनों को ढूंढते रहे। सबसे पहले आर्मी कॉलोनी से सेना के जवान मौके पर पहुंचे। इन्होंने मौके पर मौजूद लोगों के साथ मलबा हटाने का काम शुरू किया। राजधानी के समरहिल में हुई आपदा ने सरकार और प्रशासन के दावों की भी पोल खोल दी। सुबह 7:15 बजे हुई इस घटना की सूचना पार्षद, पुलिस और प्रशासन को दे दी गई थी। लेकिन राहत कार्य शुरू करने में घंटों लग गए। मलबे में गायब हुए अपनों को ढूंढने के लिए लोग खुद हाथों से मलबे को हटाने में जुट गए। लोगों के अनुसार, सबसे पहले सुबह 8 बजे साथ लगी आर्मी कॉलोनी से सेना के जवान मौके पर पहुंचे। इन्होंने मौके पर मौजूद लोगों के साथ मलबा हटाने का काम शुरू किया। करीब 8:15 बजे पुलिस और स्थानीय पार्षद वीरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। मलबा हटाने के लिए मशीनों की दरकार थी लेकिन मंदिर की सड़क ढह चुकी थी। करीब 8:30 बजे नाले में उतरे जवानों ने दो बच्चों के शव बरामद किए। 9 बजे तीसरा शव बरामद हुआ। अपनों के शव देखकर मौके पर चीख पुकार मच गई। मौके पर पेड़ काटने के लिए स्थानीय लोगों से कटर मंगवाया गया। करीब दो घंटे बाद 9:30 बजे एसडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंचे। राहत कार्यों में तेजी लाते हुए मंदिर के ऊपर से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। मौके पर एक जेसीबी खड़ी थी लेकिन इसमें तेल नहीं था। दोपहर करीब 1:00 बजे प्रशासन की ओर से पहली जेसीबी मौके पर पहुंची। लोग बोले, आपदा प्रबंधन फेल, बचाई जा सकती थीं कई जानें मौके पर राहत कार्य में मशीनरी की मदद न मिलने और प्रशासन की टीमों के देरी से आने पर लोग भड़क गए। बोले कि ऐसा आपदा प्रबंधन किस काम का है। समय पर राहत कार्य शुरू होता तो कई जानें बचाई जा सकती थी। वार्ड पार्षद वीरेंद्र ठाकुर ने भी सवाल उठाए। कहा कि हादसे के घंटों बाद एक जेसीबी मौके पर पहुंची। पूर्व पार्षद शैली शर्मा ने कहा कि हादसा सुबह 8:00 बजे से पहले हुआ। दो तीन घंटे में यदि राहत कार्य पूरा हो जाता तो कई जानें बच जातीं। कहा कि समरहिल में कई लोगों ने परिजनों को खो दिया है। जैसे-जैसे शव निकले चीख पुकार घटना का पता लगते ही मौके पर लोगों का सैलाब उमड़ आया। कई लोग अपनों को मलबे में ढूंढते रहे। समरहिल का 17 साल का युवक सौरव भी मलबे में गायब हो गया। युवक की मां दिनभर मौके पर अपने लाडले को ढूंढती रही। दोपहर तक कई परिवार मौके पर पहुंचे जो मलबे में अपनों के गायब होने पर सहम गए। जैसे-जैसे शव निकलते रहे, चीख पुकार मचती रही। मौके पर कई शवों के हाथ और पांव मलबे से बरामद हुए। यह मंजर देख लोग सहम गए। मलबे में मंदिर का भंडारा हॉल, पुजारी का आवास भी दब गया। लोगों के अनुसार, आजकल पुजारी अकेले शिमला में था। इसका परिवार गांव गया हुआ था। मलबे से तीन बाइक भी निकाली गई हैं। सोमवार को बना रहे थे खीर लोगों के अनुसार, सोमवार के लिए सुबह से ही खीर बनाई जा रही थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी बारिश भी बाधा बनी। शाम के समय भारी बारिश के बीच मौके पर फिर पत्थर और मलबा गिरने लगा। ऐसे में ऑपरेशन रोकना पड़ा। बताया जा रहा है कि मंगलवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा जाएगा।
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