उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि वह लोग आज कहां हैं, दावा करते थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा उठाने के लिए कोई नहीं बचेगा। उन्हें इस रैली में शामिल होना चाहिए था। स्वतंत्रता दिवस से पहले श्रीनगर में रविवार को विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें सरकारी कर्मचारियों से लेकर घाटी के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और हाथ में तिरंगा थामकर सड़कों पर निकले। रैली की अगुवाई जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा राष्ट्रीय ध्वज से प्यार करते हैं, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह रैली है। सिन्हा ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि वह लोग आज कहां हैं, दावा करते थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा उठाने के लिए कोई नहीं बचेगा। उन्हें इस रैली में शामिल होना चाहिए था। उन्होंने कहा, उन्हें समझ आ गया होगा कि जम्मू-कश्मीर का हर युवा राष्ट्रीय ध्वज को उतना ही प्यार करता है, जितना देश के किसी अन्य हिस्से के लोग। मनोज सिन्हा ने कहा, पीडीपी अध्यक्ष ने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया गया, तो राष्ट्रीय ध्वज उठाने वाला कोई नहीं बचेगा। आज पूरे देश में जम्मू-कश्मीर के लोगों की सराहना की जा रही है। चूंकि हम लोगों को जोड़ रहे हैं और विकास को गरीबों और वंचितों तक पहुंचा रहे हैं, इसलिए कुछ लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। तिरंगे का सम्मान करना, बहादुर सैनिकों का सम्मान करने जैसा एक समय था जब कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया गया था, लेकिन आज वह राष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। आइए हम एक साथ आएं और जम्मू-कश्मीर का दर्जा बहाल करें। उन्होंने कहा, उन्हें गर्व और संतुष्टि महसूस हो रही है कि रैली में न केवल प्रशासन और सुरक्षाबलों के लोग मौजूद हैं, बल्कि कश्मीर के आम लोगों ने भी इसमें भाग लिया। उन्होंने कहा, मैं सोचता हूं और महसूस करता हूं कि तिरंगे का सम्मान करना देश और अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों का सम्मान करना है। लोग समझ गए हैं कि सभी को तिरंगे की रक्षा करनी है और सभी को देश के विकास में योगदान देना है। मुझे लगता है कि यही है कश्मीर में बड़ा बदलाव। ऐसे कदम पहले उठाए गए होते, तो आज स्थिति कुछ और होती प्रसिद्ध खिलाड़ी कुलदीप हांडू ने रैली में पहुंचकर प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि रैली ने लोगों में एकता का संदेश दिया है। हांडू ने कहा, हम इस राष्ट्र के निर्माण के लिए एक साथ चलेंगे। यह रैली बड़ा संदेश होगा कि हम एक साथ हैं। हम भारत के साथ हैं। एक अन्य प्रतिभागी जहांजेब ने कहा कि रैली कश्मीर के लिए सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा, ऐसे आयोजन हर स्वतंत्रता दिवस पर होने चाहिए। हम भारत का हिस्सा हैं और अगर यह कदम पहले उठाए गए होते तो शायद हम आज बेहतर स्थिति में होते।
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