Articles

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद गुरुवार को यूपीआई पर किया बड़ा एलान : बोले- लेनदेन में AI का भी होगा इस्तेमाल

Profile

UPI Offiline Payment: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि छोटे मूल्य के डिजिटल लेनदेन नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, यूपीआई लाइट और ऑफलाइन तरीके से 200 रुपये के भुगतान की सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि कुल भुगतान की सीमा अब भी 2000 रुपये ही होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद गुरुवार को यूपीआई पर भी बड़ा एलान किया। केंद्रीय बैंक ने यूपीआई भुगतान को और आधुनिक बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक अब यूपीआई से ऑफलाइन भुगतान की भी अनुमति दे रहा है। इसके तहत नियर-फील्ड कम्यूनिकेशन के जरिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हुए ऑफलाइन भुगतान हो सकेगा। इस तरीके से यूपीआई लाइट के जरिए 500 रुपये तक का पमेंट किया जा सकेगा। बता दें कि यूपीआई पर छोटे मूल्य के लेनदेन को गति देने के लिए दिसंबर 2022 में यूपीआई लाइट की लॉन्चिंग की गई थी। अब इसे बढ़ावा देने के लिए नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) का इस्तेमाल करते हुए ऑफलाइन लेनदेन की अनुमति देने देने का प्रस्ताव है।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि छोटे मूल्य के डिजिटल लेनदेन नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, यूपीआई लाइट और ऑफलाइन तरीके से 200 रुपये के भुगतान की सीमा को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि कुल भुगतान की सीमा अब भी 2000 रुपये ही होगी। इस कदम का मकसद भुगतान के इस तरीके की स्वीकार्यता में वृद्धि करना है। आरबीआई के अनुसार इस प्रस्ताव से खुदरा क्षेत्र डिजिटल रूप से और अधिक सक्षम होगा, इसके साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां इंटरनेट और दूरसंचार संपर्क कमजोर है या उपलब्ध नहीं है वहां भी कम राशि का लेन-देन किया जा सकेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अब यूपीआई पर ग्राहक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कन्वर्सेशनल भुगतान कर सकेंगे। इसका मतलब है कि एआई को निर्देश देते हुए भी अब भुगतान संभव हो सकेगा। केंद्रीय बैंक आरबीआई जल्द ही यूपीआई पर कन्वर्सेशनल पेमेंट्स की सुविधा शुरू करने जा रहा है। आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसे लेनदेन पूरी तरह से सुरक्षित होंगे। इसके साथ ही यह सुविधा स्मार्टफोन और फीचर फोन दोनों पर उपलब्ध होंगे। यह हिंदी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलबध होगा। आरबीआई ने कहा है कि उक्त घोषणाओं के संबंध में जल्द ही एनपीसीआई (National Payments Corporation of India) को निर्देश दिया जाएगा।