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Odisha Train Accident: ओडिशा में दो रेलगाड़ियों के एक दुसरे से टकराने छाया मातम ,जानिए देश में कब-कब हुए बड़े ट्रेन हादसे?

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Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद हरतरफ मातम पसरा है. कोई भी मुआवजा किसी इंसान को खोने के दर्द कम नहीं कर सकता है. कोरोमंडल एक्सप्रेस की अन्य गाड़ियों से हुई टक्कर को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अब जानते हैं कि इससे पहले देश में कब-कब ऐसे बड़े हादसे हुए? Major Train accidents of India: ओडिशा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express Accident) और अन्य गाड़ियों की टक्कर में अबतक 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. वहीं 900 लोग घायल बताये जा रहे हैं. रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा के मुताबिक शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस बालेश्वर के पास पटरी से उतर गई थी. वहीं कुछ देर बाद यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली एक अन्य ट्रेन भी उन डिब्बों से टकरा गई. ऐसे में आइए नजर डालते हैं इस हादसे की टाइम लाइन और देश में हुए कुछ अन्य बड़े हादसों पर. ओडिशा हादसे की टाइम लाइन ओडिशा के बालासोर में शाम को 7.20 मिनट पर तीन ट्रेन आपस में टकरा गईं. हादसे की खबर मिलते ही रात में 8.23 मिनट पर राहत कार्य शुरू किया गया. जिसमें पुलिस-प्रशासन ने सबसे पहले मोर्चा संभाला. 8.39 मिनट पर ओडिशा सरकार ने इमरजेंसी नंबर जारी किए. इसी दौरान रेलवे ने अपने स्तर पर काम तेज किया. बताया जा रहा है कि रात 9 बजे के करीब हादसे में मारे गए लोगों की संख्या के बारे में अधिकृत जानकारी देनी शुरू की गई. इस हादसे के मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. यह बीते कुछ सालों की तुलना में सबसे बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है. मृतकों की संख्या के हिसाब से यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है. देश में कब-कब हुए बड़े रेल हादसे (1956 से लेकर जून 2023) तमाम आधुनिक तकनीक से लैस भारतीय रेल विभाग लाख तरक्की के बावजूद रेल हादसों पर पूरी तरह से लगाम नहीं लगा सका है. आजादी के बाद से देश में कई बड़े रेल हादसे हो चुके हैं. कुछ शुरुआती ट्रेन एक्सीडेंट की बात करें तो एक बार लालबहादुर शास्त्री ने रेलमंत्री रहते हुए रेल हादसे के बाद इस्तीफा दे दिया था. तब 1956 में महबूबनगर रेल हादसे में 112 लोगों की मौत हुई थी. इस पर शास्त्री ने इस्तीफा दे दिया. जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्वीकार नहीं किया था. हालांकि उस दुखद हादसे के 3 महीने बाद ही अरियालूर रेल दुर्घटना में 114 लोग मारे गए थे. जिसके बाद उन्होंने फिर इस्तीफा दे दिया था. तब पीएम ने उस इस्तीफे को स्वीकार करते हुए कहा कि वो इस्तीफा इसलिए स्वीकार कर रहे हैं ताकि यह एक नजीर बने. इसलिए नहीं कि हादसे के लिए किसी भी रूप में शास्त्री जिम्मेदार हैं. ट्रेनों के आपस में टकराने का चौथा बड़ा हादसा 27 जनवरी, 1982: आगरा के पास घने कोहरे में एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन की आमने सामने टक्कर हो गई थी, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी. 14 मई, 1995: मद्रास कन्याकुमारी एक्सप्रेस सलेम के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें 52 लोगों की मौत हो गई थी. 14 दिसंबर, 2004: जम्मू तवी एक्सप्रेस और जालंधर अमृतसर पैसेंजर ट्रेन आपस में टकरा गई थीं. ये हादसा होशियारपुर, पंजाब के पास हुआ था. हादसे में 39 यात्रियों की मौत हो गई थी. 2 जून 2023: ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस सामने से आ रही मालगाड़ी से टकरा गई. हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो गई है. वहीं सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं.