गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लखनऊ के लिए चलाई जा रही वंदे भारत ट्रेन इस वक्त लगातार उपद्रवियों और अराजक तत्वों के निशाने पर है। पिछले 9 जुलाई से अब तक ट्रेन पर चार बार पथराव हो चुका है, जिसमें कोच के शीशे क्षतिग्रस्त हुए हैं। रविवार को एक बार फिर बाराबंकी के पास ट्रेन पर पथराव हुआ, जिसमें कई शीशे से टूट गए। सवाल उठता है कि आखिर बार-बार एक ही ट्रेन को निशाना क्यों बनाया जा रहा है? और वह कौन लोग हैं, उनकी क्या नीयत है? इस बात पर जिम्मेदारों का कहना है कि जांच चल रही है। पथराव के पीछे मोटिव क्या है इसके लिए एक्सपर्ट्स के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई को हरी झंडी दिखाकर गोरखपुर से लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया था। ट्रेन 9 जुलाई से नियमित रूप से चलाई जा रही है। ट्रेन के संचालन के पहले दिन ही अयोध्या के पास ट्रैक पर कुछ बकरियां आ गईं। ट्रेन की चपेट में आने से बकरियों की मौत हो गई। इसके विरोध में चरवाहों ने अगले दिन ट्रेन पर पथराव कर दिया जिससे कई कोचों के शीशे टूट गए थे। तब से लेकर अब तक कुल 4 बार ट्रेन की कोच के शीशे टूटे हैं। हालांकि रेल प्रशासन कोच के शीशे टूटने के कई अन्य कारण भी बता रहा है लेकिन रविवार को एक बार फिर से ट्रेन गोरखपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुई और बाराबंकी के सफेदाबाद के पास 10:40 बजे ट्रेन पर पपथराव हुआ और कोच के शीशे चटक गए। बताया जा रहा है कि किसी ने पत्थर फेंक दिया था। सूचना मिलते ही आरपीएफ का स्कॉड मौके पर पहुंचा लेकिन वहां कोई नहीं मिला। रेलवे प्रशासन द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर अराजक तत्वों की तलाश की जा रही है। ट्रेन पर लगातार हो रहे पथराव ने रेलवे प्रबंधन को चिंता में डाल दिया है कि आखिर किस नियत से यह कृत्य किया जा रहा है और सिर्फ एक ही ट्रेन को लगातार कौन लोग निशाना बना रहे है।सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पहली बार जब ट्रेन पर पथराव हुआ था तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उसके बाद दो बार ट्रेन के कोच के शीशे टूटे पाए गए, जिन्हें बदल दिया गया था। 3 अगस्त को हुई घटना में एक कुली को गिरफ्तार किया गया लेकिन रविवार को सफेदाबाद के पास हुई पत्थरबाजी की घटना ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों और किस नीयत से लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कुछ एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग कर इस विषय पर चर्चा की जाएगी और जानने की कोशिश की जाएगी कि लगातार एक ट्रेन को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इसके पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं। क इसके पहले की घटनाएं निम्नवत हैं.. 11 जुलाई को अयोध्या से आगे सोहावल और देवरा कोर्ट के बीच लखनऊ जा रहे वंदे भारत ट्रेन पर कुछ लोगों ने ट्रेन की चपेट में बकरी आ जाने के बाद पथराव कर ट्रेन के कई को शीशे तोड़ दिए थे 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था और गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। - 17 जुलाई को एक बार फिर से गोरखपुर के डोमिनगढ़ स्टेशन के पास लखनऊ से आ रहे ट्रेन पर पथराव में शीशे चटक गए थे। - 3 अगस्त को गोरखपुर जंक्शन के वाशिंग यार्ड में खड़ी वंदे भारत ट्रेन का शीशा टूट गया था। तब जानकारी मिली थी कि एक कुली ने पत्थर मारा था, उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हालांकि पत्थर उसने क्यों मारा इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। - 6 अगस्त को एक बार फिर से बाराबंकी और सफेदाबाद के बीच ट्रेन पर पथराव हुआ जिसमे कोच के कई शीशे से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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