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पी एम मोदी ने दी नेपाल को राहत, जानें क्या है पूरा मामला

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India Rice Export: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के बीच टेलीफोनिक बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने प्रचंड को भरोसा दिया. Nepal will remain out of Rice Export Ban: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) से फोन पर बात कर बड़ी खुशखबरी दी है और नेपाल को चावल निर्यात बैन से बाहर रखने का भरोसा दिया है. बता दें कि भारत सरकार ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लागाने का निर्णय लिया है. हालांकि, पीएम मोदी ने नेपाल को इस बैन से राहत देने का भरोसा नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड को दिया है. नेपाल को इस बड़ी मुसीबत से मिलेगी राहत दरअसल , ग्लोबल मार्केट में अनाज की कीमतों में अस्थिरता बढ़ने लगी है. अन्य देशों में इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. नेपाल भी इससे प्रभावित हुआ है और आने वाले समय में बड़ी मुसीबत सामने आ सकती थी. हालांकि, अब भारत सरकार ने नेपाल को इस प्रतिबंध से बाहर रखने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से इस बारे में टेलीफोन पर बातचीत की और उनको भरोसा दिया की चावल के निर्यात पर बैन से नेपाल को दूर रखा जाएगा. बता दें कि भारत सरकार की तरफ से गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने का असर नेपाल में दिखने लगा था. नेपाल सरकार ने देश में तीन महीने का भंडारण रहने के बावजूद कालाबाजारी और मूल्यवृद्धि के चलते भारत से 10 लाख मीट्रिक टन धान, 1 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का फैसला किया था. नेपाल के प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंद आचार्य ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में आग्रह किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने तत्काल नेपाल को चावल निर्यात के प्रतिबंध से अलग रखने और निर्यात को सहज बनाने का आश्वासन दिया. इसके अलावा भारतीय प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में नेपाल और भारत के बीच हुए 10 हजार मेगावाट बिजली खरीद के समझौते को जल्द ही भारतीय कैबिनेट से पारित करने की जानकारी भी दी. बता दें कि भारत सरकार की तरफ से गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने का असर नेपाल में दिखने लगा था. नेपाल सरकार ने देश में तीन महीने का भंडारण रहने के बावजूद कालाबाजारी और मूल्यवृद्धि के चलते भारत से 10 लाख मीट्रिक टन धान, 1 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का फैसला किया था. नेपाल के प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंद आचार्य ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में आग्रह किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने तत्काल नेपाल को चावल निर्यात के प्रतिबंध से अलग रखने और निर्यात को सहज बनाने का आश्वासन दिया. इसके अलावा भारतीय प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में नेपाल और भारत के बीच हुए 10 हजार मेगावाट बिजली खरीद के समझौते को जल्द ही भारतीय कैबिनेट से पारित करने की जानकारी भी दी. नेपाल पीएमओ ने जारी किया बयान नेपाल के पीएमओ कार्यालय ने इस बारे में बयान जारी किया है और मीडिया को बताया है कि भारत से नेपाल में चावल का निर्यात पहले की तरह ही जारी रहेगा. साथ ही नेपाल में अन्य खाने की सामग्रियों की भी कमी नहीं होने देने का आश्वासन भारत के प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से दिया गया है. बहरहाल, नेपाल को चावल संकट से उबारने के पीएम मोदी के आश्वासन के बाद नेपाल में चावल की कालाबाजारी पर रोक लगने की संभावना है. भारत ने क्यों किया चावल निर्यात पर बैन का फैसला? हाल ही में केंद्र सरकार ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया. यह फैसला आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर किया गया था. दरअसल, देश के भीतर चावल की कीमतों में 10 से 20 फीसदी तक का उछाल देखा गया. इसके अलावा मौसम की अनिश्चितता के चलते भी इस बार धान की पैदावार कम होने की संभावना जताई गई है. बाढ़ और सूखे की स्थिति के चलते पश्चिम बंगाल, बिहार , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे राज्यों में धान की कम बुआई हो पाई. जबकि, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार धान के बड़े उत्पादक राज्य हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई गई है.