केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। विस्तार केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर आज निर्णय लिया गया है। अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी। हम लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे। योजना का मकसद भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना किसानों को संकट के समय अपनी उपज बेतरतीब दाम पर बेचने से रोकना आयात पर निर्भरता कम करना गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिए परिवहन लागत कम होगी। इससे खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है। सिटीज-2.0 शुरू करने का फैसला केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में Citiis 2.0 (city investments to innovate integrate and sustain) शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके भाग Citiis 1.0 की तरह 3 ही रहेंगे। इसके ऊपर 1866 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा।
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