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Global Leader: उपराष्ट्रपति बोले- सीमाएं सुरक्षित इसलिए हम कर रहे प्रगति; 2047 में भारत करेगा विश्व का नेतृत्व

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भारत में हो रहे नवाचार और विकास को लेकर उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश को विकसित करने के लिए जिस तरह की योजनाओं का कार्यान्वयन आज हो रहा है वह पहले कभी नहीं किया गया। विकास की बढ़ोतरी का यह आंकड़ा यहां से और उच्च स्तर पर जाएगा और 2047 तक 'भारत' एक वैश्विक नेता होगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति उसकी सुरक्षा से गहराई से जुड़ी हुई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसे रक्षा बल भारत के समग्र विकास को संरक्षित करने का काम करते हैं। उपराष्ट्रपति धवखड़ ने इस दौरान भारत के आर्थिक विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश इस समय तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। 2047 तक जब भारत आजादी के सौ साल पूरे करेगा तब वह ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी भूमिका निभाएगा। वे राजधानी दिल्ली में बीएसएफ के वार्षिक 'रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान' में बोल रहे थे। व्याख्यान में अपने संबोधन में धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा देश की प्रगतिशील समृद्धि की आधारशिला है।जो विकास पहले होना चाहिए था वह अब हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज आप देखते हैं कि हमारे पास किस तरह का बुनियादी ढांचा है, जिस तरह की तकनीकी भागीदारी हो रही है, जिस तरह के हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं और जिस तरह की सुविधाएं मानव संसाधन के लिए बनाई जा रही हैं। वह बेहतरीन हैं। बीएसएफ जैसे सुरक्षा बलों के प्रति यह कोई दायित्व नहीं है , यह हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि अब इन मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत 2047 तक बन जाएगा ग्लोबल लीडर भारत में हो रहे नवाचार और विकास को लेकर उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश को विकसित करने के लिए जिस तरह की योजनाओं का कार्यान्वयन आज हो रहा है वह पहले कभी नहीं किया गया। विकास की बढ़ोतरी का यह आंकड़ा यहां से और उच्च स्तर पर जाएगा और 2047 तक 'भारत' एक वैश्विक नेता होगा। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि सिर्फ एक दशक पहले हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, लेकिन सितंबर 2022 में हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने हैं। उपराष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि दशक के अंत तक हम तीसरी- सबसे बड़ी (अर्थव्यवस्था) बन जाएंगे। सीमाएं सुरक्षित इसलिए हम कर रहे प्रगति-उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगे कहा कि बात जब डिजिटल अर्थव्यवस्था की बात आती है तो उसमें भी देश ने प्रगति की है। साल 2022 में, भारत का "डिजिटल ट्रांसफर" अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से चार गुना अधिक था। यह सब इसलिए संभव हो सका है कि क्योंकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। बीएसएफ की तारीफ की इस दौरान उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर ड्रग्स और मानव तस्करी के साथ ही मवेशी की तस्करी की जांच के लिए बेहद कठिन परिस्थितियों में 24×7 काम करने के लिए बीएसएफ की सराहना की। साथ ही उपराष्ट्रपति ने सभी सीमावर्ती राज्यों से बीएसएफ की जरूरतों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने का आह्वान भी किया। 35 बीएसएफ जवानों को किया सम्मानित इस कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने असाधारण सेवा प्रदान करने के लिए वीरता के लिए दो सहित कुल 35 बीएसएफ कर्मियों को सम्मानित किया। गौरतलब है कि यह व्याख्यान बीएसएफ के पहले प्रमुख और संस्थापक केएफ रुस्तमजी की याद में आयोजित किया जाता है, जो 1965-74 के दौरान बीएसएफ के महानिदेशक थे। बता दें कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना 1965 में हुई थी और इसे मुख्य रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमा की रक्षा करने का काम सौंपा गया था।