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चंद्रयान 3 के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद पाक की स्पेस एजेंसी का उनके ही नागरिक बना रहे हैं मजाक ,इसरो से पहले स्थापित होकर भी पाक एजेंसी इतनी पिछड़ क्यों गई आइए जानें।

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भारत के मून मिशन चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफलता की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। हर कोई चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग की बात कर रहा है। जो अमेरिका, रूस और चीन नहीं कर सका, वो भारत ने कर दिखाया है। भारत के इस मिशन की चर्चा सबसे ज्यादा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हो रही है। पाक में भारत के इस मिशन को लेकर सब अपने देश की ही खिल्ली उड़ा रहे हैं। आम लोग हो या मीडिया सब पाकिस्तानी हुक्मरानो को कोसने में लगे हैं। इस बीच एक सवाल सबसे ज्यादा उठ रहा है कि पाक में स्पेस एजेंसी की स्थापना भारत के इसरो से भी पहले हुई थी, लेकिन वो इसके मुकाबले कहीं खड़ी क्यों नहीं उतरी। आइए, जानें क्या है इसका कारण। Pak में 1961 में स्पेस एजेंसी की हुई स्थापना पाकिस्तान में स्पेस एजेंसी SUPARCO की स्थापना भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO VS Pak Space Agency) से भी पहले हुई थी। स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (SUPARCO) की स्थापना 16 सिंतबर 1961 में हुई थी, जबकि इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी। भारत से पहले लॉन्च किया था पहला रॉकेट सुपारको ने इसरो से भी पहले 1962 में अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च किया था। इसके बाद इसरो ने धीरे-धीरे तरक्की की राह पकड़ ली और आगे ही बढ़ता गया। इसमें सबसे बड़ा कारण पाक सरकार की ओर से एजेंसी पर ध्यान न देना था। 62 साल में सिर्फ 5 सैटेलाइट छोड़े पाकिस्तान ने अपने 62 साल के अंतरिक्ष एजेंसी के इतिहास में केवल 5 सैटेलाइट ही छोड़ी हैं। सबसे पहली सैटेलाइट 19 जुलाई 1990 को छोड़ी थी, इसका नाम बद्र 1 रखा गया था। ये सैटेलाइट केवल 6 महीने ही काम कर सकी थी। इसके बाद दूसरी सैटेलाइट 10 दिसंबर 2001 को छोड़ी गई, जिसका नाम बद्र-बी रखा गया। तीसरी पाकात-1 को 11 अगस्त 2011 को चीन की मदद से छोड़ा गया था। चौथी सेलेलाइट आईक्यूब-1 को 21 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया था। पाक ने अंतिम और पांचवी सैटेलाइट 9 जुलाई 2018 को चीन की मदद से ही लॉन्च की थी। इसके बाद पाक ने कोई लॉन्चिंग नहीं की है। क्यों खस्ताहाल हुई पाक एजेंसी दरअसल, शुरुआत में पाक ने खुद को महाशक्ति बनाने की ठान रखी थी। यही कारण था कि वो अंतरिक्ष एजेंसी स्थापित कर रॉकेट लॉन्च करने में जुट गया। अमेरिका की मदद से पाक ने शुरुआत तो कर ली, लेकिन बाद में पड़ोसी मुल्क में अस्थिर सरकारों और सेना का तख्तापलट सब ले डूबा। पाक ने रही सही कसर अपना ज्यादातर पैसा सैन्य शक्ति बढ़ाने और मिसाइल परीक्षण पर लगाकर पूरी कर दी। आज भारत की स्पेस एजेंसी का फंड पाक से करीब 70 गुना ज्यादा है।