चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर जहां हर कोई खुश है। वहीं बागपत जनपद के बामनौली निवासी डॉ. राजबीर सिंह और बेटे अपूर्व को कुछ ज्यादा खुशी मिली है, क्योंकि उनकी चांद पर जमीन है जो उन्होंने 15 साल पहले खरीदी थी। अब उनको उम्मीद जगी है कि भविष्य में चांद पर लोग भी जा सकते हैं। 41 दिन में चांद तक, रचा इतिहास -14 जुलाई 2023 को पृथ्वी से भेजा गया चंद्रयान 3 अपनी 41 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद चंद्रमा की सतह पर उताराया गया। -17 अगस्त को अभियान का लैंडिंग मॉड्यूल प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ था। -चंद्रयान की सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया, वहीं दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। -हाल ही में रूस का लूना-25 दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद नष्ट हो गया था। संयुक्त राष्ट्र की द लूनर रिपब्लिक सोसाइटी से बागपत के बामनौली गांव के रहने वाले डाॅ. राजबीर सिंह के बेटे अपूर्व तोमर ने 15 साल पहले ढाई लाख रुपये में पांच एकड़ जमीन खरीदी थी। वर्तमान में वह साउथ दिल्ली सैनिक विहार में रहते हैं। अपूर्व तोमर को सोसाइटी ने जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही चांद की नागरिकता दी। अपूर्व ने बताया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद उनका चांद पर जाने का सपना भविष्य में पूरा होने की उम्मीद जगी है। उन्होंने बताया कि इंटरनेट के जरिये सोसाइटी से संपर्क कर जमीन खरीदी थी।
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