चंद्रयान-3 बस कुछ ही घंटों में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का अपना पहला प्रयास करेगा। इसरो और भारत सहित दुनियाभर के लोगों की नजर इस मिशन पर बनी हुई है। यहां हम आपको चांद के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं, जो परीक्षा के नजरिए से तो काफी महत्वपूर्ण हैं ही, साथ ही बहुत दिलचस्प भी हैं। आइए जानते हैं कि चंदा मामा की उम्र कितनी है, ये कैसे बना, पृथ्वी से इसकी दूरी कितनी है, इसपर कब दिन-रात होते हैं और साथ ही यह भी जानेंगे कि आज तक कितने लोगों ने चंद्रमा पर कदम रखा है? चंद्रमा की उम्र कितनी है? आमतौर पर माना जाता है कि चंद्रमा का जन्म 4.51 बिलियन, यानी 4.51 अरब सालों पहले पृथ्वी और एक बड़े ग्रह (प्रोटोप्लानेट) के टकराने से हुआ था। इस जोरदार टक्कर की वजह से पिघली चट्टान ठंडी होकर पृथ्वी की परिक्रमा करने लगी, जिसे आज हम चंद्रमा के नाम से जानते हैं। हालांकि, एक नए शोध में बताया गया कि दोनों गृहों के बीच वास्तविक टक्कर करीब 4.425 अरब साल पहले हुई थी। चंद्रमा कैसे बना? चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में हुए सबसे नवीनतम शोध का कहना है कि अरबों साल पहले जब एक बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराया, इसके फलस्वरूप चांद का निर्माण हुआ. इस सिद्धांत के लिए शोधकर्ताओं ने अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए चांद की चट्टानों के टुकड़ों का हवाला दिया। जिस ग्रह की पृथ्वी से टक्कर हुई थी, उसका नाम थिया बताया जाता है। वास्तव में यह एक वैज्ञानिक पहेली है जिसका शोधकर्ता दशकों से अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई निर्णायक उत्तर अभी तक नहीं मिला है। पृथ्वी से कितना दूर? चांद पृथ्वी का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह है। इसकी पृथ्वी से औसत दूरी लगभग 384,400 किलोमीटर है। चंद्रमा का वातावरण बहुत पतला है जिसे बाह्यमंडल कहा जाता है। यह सांस लेने योग्य नहीं है। चंद्रमा के पास अपना कोई चंद्रमा नहीं है और न ही इसके चारों ओर कोई रिंग है। यह पृथ्वी का एक पूरा चक्कर 27.3 दिनों (27 दिन 7 घंटे 43 मिनट्स 11.5 सेकंड) में लगाता है। चंद्रमा पर कब दिन-कब रात? यह तो सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर एक दिन चौबीस घंटो का होता है, जिसमें से 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है। वहीं, अगर चांद की बात करें तो वहां पर एक दिन करीब 14 दिन का होता है और इसी तरह रात भी 14 दिन की ही होती है। इसे एक चंद्र दिन कहा जाता है। एक चंद्र-दिन, पृथ्वी के 28 दिनों के बराबर होता है। जब भारत ने अपने चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को वहां सात सितंबर को उतारा तो यूं ही इस दिन का चयन नहीं किया गया था बल्कि इसके पीछे पूरी गणना थी, क्योंकि तब चंद्रमा पर दिन निकलने की शुरुआत हो रही थी। दिन-रात इतने लंबे क्यों? चांद धीमी गति से परिक्रमा करता है। यह 1.022 किमी/सेकंड की औसत गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है। पृथ्वी की पूरी परिक्रमा करने में इसे लगभग 28 दिन लग जाते हैं। चंद्रमा पर अब तक कितने लोग पहुंचे? एस्ट्रोनोट नील आर्मस्ट्रॉन्ग 20 जुलाई 1969 को चांद पर पहुंचने वाले पहले इंसान थे। इनके अलावा 11 लोग और हैं, जिन्होंने चांद की जमीन पर कदम रखा। उनके नाम हैं - नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong) बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) पेटे कॉनराड (Pete Conrad) एलन बीन (Alan Bean) एलन शेपर्ड (Alan Shepard) एडगर मिशेल (Edgar Mitchell) डेविड स्कॉट (David Scott) जेम्स इरविन (James Irwin) जॉन यंग (John Young) चार्ल्स ड्यूक (Charles Duke) यूजीन सेरनन (Eugene Cernan) हैरिसन श्मिट (Harrison Schmitt)
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