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सनी देओल और धर्मेंद्र ने फिल्मों में तो मचाया है गदर, लेकिन राजनीति में दोनों बाप-बेटे क्यों हुए फ्लॉप?

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11 अगस्त को रिलीज हुई 'गदर 2' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। फिल्म ने कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लेकिन क्या आपको पता है सनी देओल का जितना दबदबा सिनेमा की दुनिया में रहा है, उतना राजनीति में कायम नहीं हो सका। सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म ‘गदर 2’ ने इतिहास रच दिया है। फिल्म को फैंस का इतना प्यार मिल रहा है कि गदर 2 दूसरे सप्ताह में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म बन गई है। लेकिन राजनीति के मामले में उनका दबदबा कुछ खास नहीं है। गुरदासपुर के लोग भी उनसे नाराज हैं। शायद इसी वजह से उन्होंने खुद भी चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। लगातार फ्लॉप हो रही थीं सनी की फिल्म साल 2019 के चुनाव से ठीक पहले सनी देओल ने राजनीति में एंट्री मारी थी, बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और सनी गुरदासपुर से जीत भी गए। लेकिन किसी कारण वश गुरदासपुर के लोग उनसे काफी नाराज हैं। एक समय था, जब सनी देओल की कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार फ्लॉप हो रही थीं। उस वक्त उनका फिल्मी करियर बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा था। इसके बाद उन्होंने राजनीति में एंट्री करने का फैसला लिया। फिर क्या ही था, उनके सियासी सफर का आगाज जीत के साथ शुरू हो गया। लेकिन 2024 के चुनाव से पहले ही सनी देओल ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगे सनी देओल सनी देओल आजकल अपनी फिल्म गदर 2 की सफलता को लेकर पूरे देश में छाए हुए हैं, उनकी फिल्म सुपरहिट हो चुकी है, 400 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है, लेकिन वो अब राजनीति से दूरी बना रहे हैं। कुछ दिन पहले ही सनी देओल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। सनी देओल ने कही ये बात उन्होंने कहा था, “मैं एक एक्टर के तौर पर देश की सेवा करना चाहूंगा, लेकिन राजनीति में काम करना मेरे बस की बात नहीं।” सनी देओल ही नहीं उनसे पहले उनके पिता और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र भी राजनीति से कुछ ऐसे ही दुरी बना लिए थे। धर्मेंद्र ने कई दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया है। बीकानेर से बीजेपी के टिकट पर धर्मेंद्र ने लड़ा था चुनाव 87 साल की उम्र में भी वो लगातार फिल्में कर रहे हैं, लेकिन उनका भी राजनीतिक सफर बेहद कड़वा रहा। धर्मेंद्र ने सालों पहले एक इंटरव्यू में कहा था,”मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि राजनीति में जाऊंगा, मैं कहा करता था कि राजनीति में अच्छे लोग नहीं होते, तो मेरे दोस्तों ने कहा कि अच्छे लोग राजनीति में आएंगे नहीं तो अच्छा कैसे होगा। एक्टर ने आगे कहा था, “मुझे लगा मैं ही अच्छा हूं, मैं जाऊंगा तो देश बदल दूंगा, लेकिन वो 5 साल मेरी जिंदगी की मुश्किल घड़ी थी। उन पांच सालों में मैंने बीकानेर के लिए जो कुछ किया था, मैं ही जानता हूं, फिर भी श्रेय नहीं मिला, काम मैं करता था, लोग अपने नाम का पत्थर लगवा देते थे। वो वक्त बहुत मुश्किल था, जब मैंने राजनीति में आने के लिए हां कहा था, उस दिन शीशे में अपना सिर मारा था।” नी से क्यों नाराज हैं गुरदासपुर के लोग सालों पहले जो बात धर्मेंद्र ने कही और राजनीति से किनारा कर लिया था। ठीक वैसे सनी देओल ने भी राजनीति से दुरी बना ली है। सनी देओल को लेकर अक्सर उनके संसदीय क्षेत्र गुरदासपुर के लोगों की नाराजगी की खबरें भी आती रहती हैं. कई बार उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए गए. यहां तक कि वहां के लोगों ने सनी की फिल्म गदर 2 का विरोध भी किया था।