Articles

कई सीनियर नेताओं के सपने होंगे चूर-चूर ! अगर जो लागू हुआ ये 'फॉर्मूला',

Profile

राजस्थान में विधानसभा चुनाव का वक्त धीरे-धीरे नज़दीक आने लगा है। कांग्रेस हो चाहे भाजपा, दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में चुनावी हलचलें तेज़ हैं। समितियों के गठन की रफ़्तार भी तेज़ होने लगी है। जयपुर। प्रदेश में भाजपा चुनावी मोड़ पर है और एक के बाद एक धड़ाधड़ समितियों का गठन कर रही है। गुरुवार को पार्टी ने दो महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया गया जो उसके 'मिशन राजस्थान' को रफ़्तार देंगी। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति का गठन कर इनमें वरिष्ठ किया गया है। लेकिन इन सब के बीच सस्पेंस इस बात का बना हुआ है कि क्या पार्टी संगठन, मोर्चों और तमाम तरह की समितियों में शामिल नेताओं को टिकट थमाकर चुनाव मैदान में उतारेगी?दरअसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने पिछले प्रदेश दौरे के दौरान कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में पदाधिकारियों को चुनाव नहीं लड़वाने को लेकर संकेत दिए थे। सामने आया था कि नड्डा ने संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात पदाधिकारियों को चुनाव में दावेदारी नहीं करने, बल्कि चुनाव लड़ाने में सहयोग करने की मंशा ज़ाहिर की थी। उनके इस इशारे से पार्टी गलियारों में जैसे खलबली मच गई थी। ... तो कई नेताओं के सपने होंगे चूर-चूर! राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा की मंशा से यदि प्रदेश भाजपा उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ती है, तो इससे उन तमाम नेताओं के सपने चूर-चूर हो जाएंगे जो अपने-अपने क्षेत्र से पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने का मानस बनाए बैठे हैं। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में पार्टी ने पूर्व सांसद एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पचारिया को संयोजक बनाया है, जो खुद जोधपुर ज़िले से टिकट मिलने की आस लगाए बैठे हैं। इनके अलावा सह-संयोजकों में वरिष्ठ नेता ओंकार सिंह लखावत, राष्ट्रीय प्रवक्ता सासंद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा, दामोदर अग्रवाल, सीएम मीणा और कन्हैयालाल बेरवाल हैं। वहीं समिति में राजेंद्र सिंह शेखावत, प्रमोद वशिष्ठ, शंकर अग्रवाल, आनंद शर्मा, पंकज गुप्ता, निर्मल शर्मा, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, सुनील कोठारी, हीरेन्द्र कौशिक, धनराज सोलंकी, निर्मल नाहटा, अभिषेक रावत, डॉ.अपूर्वा सिंह और स्नेहा कंबोज को सदस्य बनाया गया है। इसी तरह से प्रदेश संकल्प पत्र समिति का संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को बनाया गया है। जबकि सह-संयोजक पर राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा, अल्का सिंह गुर्जर, राव राजेंद्र सिंह, सुभाष महरिया, प्रभु लाल सैनी और राखी राठौर को नियुक्त किया गया है। जबकि सुशील कटारा, हिमांशु शर्मा, अशोक रामदास अग्रवाल, रतन लाल गाडरी, रामगोपाल सुथार, प्रभु धोबी, मोहन नाई जसवंत बिश्नोई, खेमराज देसाई, अशोक वर्मा, सीएम. मीणा, ममता शर्मा, प्रकाश माली, श्याम सिंह चौहान, डॉ. मनन चतुर्वेदी, सरदार जसबीर सिंह और डॉ एसएस अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया गया है। दोनों ही हालिया घोषित समितियों में दर्जन भर से ज़्यादा नेता ऐसे हैं जो इस बार अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इसी उम्मीद से ऐसे नेता राज्य से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग करने में लगे हुए हैं। अब उनकी पार्टी से टिकट पाकर चुनाव लड़ने की हसरत पूरी होगी या नहीं, देखना दिलचस्प रहेगा।