भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 चांद के बेहद करीब पहुंच गया है। भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने जा रहा है। भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 चांद के बेहद करीब पहुंच गया है। भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने जा रहा है। रविवार देर रात जब पूरा देश 2 से 3 बजे के बीच नींद के आगोश मे जा चुका था, तब चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद के सबसे करीब पहुंच गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक अब चांद से इसकी दूरी मात्र 25 किलोमीटर रह गई है। इससे पहले वह 113 किमी x 157 किमी की ऑर्बिट में था। अब 23 को सफल लैंडिंग का इंतजार दूसरे डिबूस्टिंग ऑपरेशन (रफ्तार कम करने की प्रक्रिया) ने ऑर्बिट को 25 किमी x 134 किमी तक कम कर दिया है। अब चांद की सतह से विक्रम लैंडर मात्र 25 किलोमीटर है। अब बस 23 को सफल लैंडिंग का इंतजार है। लैंडिंग से पहले मॉड्यूल को आंतरिक जांच से गुजरना होगा। इसरो साइंटिस्ट्स का मानना है कि इस बार लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड हो जाएगा। चांद से बस 25 KM दूर है चंद्रयान-3 लैंडर 25 गुना 135 किलोमीटर की कक्षा में पहुंच गया है। यानी चांद की सतह से इसकी अधिकतम दूरी 100 किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर रह गई है। इस सबसे कम दूरी से यह 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा। इस दौरान इसकी रफ्तार करीब 2 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास होगी। लैंडर ने ली चांद की तस्वीरें इसरो ने विक्रम के दो कैमरों से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा की है। इनमें से एक तस्वीर लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से 15 अगस्त की ली थी। एलपीडीसी ने चांद का एक शॉर्ट वीडियो भी बनाया है। वहीं, लैंडर इमेजर (एलआइ) कैमरा-1 ने 17 अगस्त को चांद की तस्वीरें ली और वीडियो तैयार किया।
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