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पकड़ेंगे गठबंधन से अलग राह केजरीवाल ने दी 'INDIA' को नई टेंशन, एकता से पहले ही AAP का किया ऐलान,

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विपक्ष ने सत्तारूढ़ मोदी सरकार को अगले लोकसभा चुनाव हराने के लिए इंडिया गठबंधन तैयार किया है, जिसमें 26 दल साथ आए हैं। लेकिन अभी तक इन दलों की आपसी खींचतान ही खत्म नहीं हो पाई है। इस गठबंधन में शामिल कांग्रेस और AAP के बीच अभी दिल्ली सेवा बिल को लेकर उठा ख़त्म भी नहीं हुआ था कि अब केजरीवाल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुछ ऐसा करने जा रहे हैं, जो कांग्रेस को पसंद नहीं आएगा। इंडिया गठबंधन में आप और कांग्रेस दोनों शामिल है। अब इस गठबंधन की अगली बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली है। लेकिन उससे ठीक पहले केजरीवाल की पार्टी ने कुछ ऐसा ऐलान कर दिया है जो कांग्रेस को बहुत चुभने वाला है। दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को समाप्त कर चुकी 'आप' ने अब राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान भी करने जा रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई वाले सूबे में तीसरी ताकत की एंट्री से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। ऐसा गुजरात चुनाव में देखने को मिल चुका है। 'आप' का सभी सीटों पर चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि दिल्ली, पंजाब और गोवा में भी यह दिख चुका है कि केजरीवाल की पार्टी जहां भी गई है वहां उसने कांग्रेस का ही नुकसान किया है। यहां से शुरू हुई तकरार दिल्ली सेवा बिल पर कांग्रेस ने आप का साथ दिया था। उस वक्त ऐसा लग रहा था कि आगे भी सबकुछ ठीक रहेगा। लेकिन हाल ही में दिल्ली को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उस वक्त आमने-सामने आ गए जब कांग्रेस की शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद पार्टी नेता अलका लांबा ने बयान में कह दिया कि पार्टी दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर तैयारी करेगी। पार्टी आलाकमान की ओर से कार्यकर्ताओं को तैयारी शुरू करने का आदेश दिया गया है। इस बयान से 'आप' नाराज हो गई। आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने अलका लंबा को छोटा नेता बता दिया इसके बाद आप की ओर से कहा गया अगर ऐसा है तो मुंबई में होने वाली बैठक में जाने का कोई औचित्य ही नहीं है। बाद में कांग्रेस को अलका लांबा के बयान पर सफाई देनी पड़ी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा अलका दिल्ली पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं और अभी दिल्ली की सीटों को लेकर फैसला नहीं हुआ है। अब यह तकरार कहां ख़त्म होती है, केजरीवाल इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक में जाते हैं कि नहीं, यह देखने वाली बात होगी।