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अदाणी ग्रुप के सभी शेयरों मैं गिरावट , जानिए क्या है वजह , अदाणी एंटरप्राइजेज 5 प्रतिशत फिसला

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कारोबारी हफ्ते के पहले दिन आज बाजार के दोनों सूचकांक गिरावट के साथ खुले हैं। शुरुआती कारोबार में अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। आज कंपनी के शेयर 5 फीसदी तक गिर गए हैं। अदाणी ग्रुप्स के शेयरों की गिरावट की वजह Deloitte द्वारा किया गया इस्तीफा माना जा रहा है। आइए इस रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अदाणी ग्रुप्स के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। आपको बता दें कि आज शेयर मार्केट के दोनों सूचकांक गिरावट के साथ खुला है। अदाणी ग्रुप्स की पोर्ट कंपनी ऑडिटर फर्म डेलॉयट (Deloitte) ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद सोमवार को अदाणी ग्रुप्स के शेयरों में गिरावट आई है। खबर लिखते वक्त अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 97 अंक गिरकर 2,442.50 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं। डेलॉयट ने अदाणी ग्रुप्स की पोर्ट कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। गौतम अदाणी द्वारा संचालित फर्म ने कहा कि डेलॉइट अदाणी ग्रुप्स की बाकी कंपनियों से व्यापक छूट चाहता था। हाल में ही अदाणी ग्रुप्स को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट जारी हुई थी। आज बीएसई पर अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 5.41 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा अदाणी ट्रांसमिशन में 4.77 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अदाणी पावर की कंपनी के शेयर भी आज गिरावट के साथ खुले थे। कंपनी के शेयर 4.23 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसी के साथ अदाणी पोर्ट के शेयर भी 3.70 फीसदी गिरावट आई है। इसके अलावा अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 3.22 फीसदी, अदाणी विल्मर (3.14 फीसदी), अदाणी टोटल गैस (3 फीसदी), एनडीटीवी (3 फीसदी) और एसीसी (2.23 फीसदी) की गिरावट आई। आज सेंसेक्स 338. 09 अंक गिरकर 64,978.85 अंक पर खुला था। क्यों दिया डेलॉयट ने इस्तीफ़ा अदाणी ग्रुप्स को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी हुई थी। इस रिपोर्ट में कुछ लेन-देन पर डेलॉइट ने चिंता जताई थी। जिसके कुछ हफ्ते के बाद डेलॉइट इस्तीफा दे दिया है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने एक बयान दिया कि डेलॉइट के इस्तीफे के बाद कंपनी एम एस के ए एंड एसोसिएट्स को नए ऑडिटर के रूप में नियुक्ति की है। डेलॉइट 2017 से एपीएसईजेड का ऑडिटर है। पिछले साल जुलाई 2022 में कंपनी को पांच साल का और कार्यकाल दिया गया।