Women's Equality Day 2023: हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को सम्मान, समान अधिकार दिलाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाते है। इस दिन को मनाने की जरूरत तब पड़ी जब अमेरिका में महिलाओं को मतदान का अधिकार तक नहीं था। पिता की संपत्ति में बेटी का हक न होना, नौकरी में महिलाओं को समान पद और वेतन न मिलना आदि कई मामलों में महिलाओं की स्थिति बेहद चिंतनीय थी, हालांकि महिलाओं ने अपने हक के लिए आवाज उठाई और कई क्षेत्रों में समान अधिकार प्राप्त किए। वर्तमान में कई ऐसी दिग्गज महिलाएं हैं, जो अपने अपने क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही हैं। खेल जगत से लेकर राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा व प्रशासनिक क्षेत्र में कुछ महिलाओं की भूमिका बहुत दमदार है और अन्य महिलाओं के लिए नारी शक्ति की मिसाल बन गईं। आइए जानते हैं महिला समानता दिवस पर सशक्त महिलाओं के बारे में। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भारत का सर्वोच्च पद होता है। वर्तमान में देश के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू आसीन हैं। द्रौपदी मुर्मू महिला समानता की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी हैं। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। तीन बच्चों के निधन के बाद पति को खोने का गम सहने के बाद भी द्रौपदी मुर्मू ने परिस्थितियों के सामने हार नहीं मानी। वर्तमान में देश की सबसे दमदार महिला राजनीतिज्ञों में निर्मला सीतारमण का नाम सबसे पहले लिया जाता है। निर्मला सीतारमण भारत सरकार की वित्त मंत्री हैं। एनडीए सरकार की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसके पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। इंजीनियर और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति सुधा मूर्ति भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर हैं। इसके अलावा सुधा इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में फर्स्ट क्लास में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। वह इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। उन्होंने अब तक 8 उपन्यास लिखे हैं और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर रही हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह देश के रक्षा विभाग में पुरुषों के साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। कई बेटियां सेना में उच्च पदों पर हैं। इन्हीं में से एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह हैं, जो भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए दमदार लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाने वाली पहली महिला पायलट हैं। इसके पहले वह मिग 21 भी उड़ा चुकी हैं। मैरी कॉम मैरी कॉम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे स्पोर्ट्स में अपनी दमदार जगह बनाई, जो पुरुषों तक सीमित हुआ करता था। एथलीट मैरी कॉम मैंगते ने अपने परिश्रम और कड़ी ट्रेनिंग के बल पर बॉक्सिंग में छह बार महिला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीते। साल 2012 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक, साल 2014 में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली मैरी कॉम को अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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