पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज (16 अगस्त) 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य नेता 'सदैव अटल' पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज (16 अगस्त) 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य नेता 'सदैव अटल' पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। सभी नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी और नमन किया। समाधि स्थल पर स्पीकर ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचे। अन्य बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के साथ एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। वहीं, पहली बार एनडीए के नेताओं ने सदैव अटल पहुंच पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी। PM मोदी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि अटल बिहारी वाजपेयी की 5वीं पुण्यतिथि के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल समाधि पर पहुंचकर फूल चढ़ाए और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई नेताओं भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर वाजपेयी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी पीएम मोदी ने लिखा, मैं भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मिलकर अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने हमारे देश के विकास को नई बुलंदियों तक पहुंचाने और 21वीं शताब्दी में हर सेक्टर में देश को आगे ले जाने में आपकी अहम भूमिका निभाई। कई नेता के एनडीए कार्क्रम में हुए सामिल बीजेपी की तरफ से न्योता मिलने के बाद एनडीए के सभी बड़े नेता इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए है। एनडीए के घटक दल के नेता जीतन राम मांझी, सुदेश महतो, थंबी दुरई, शिवसेना से राहुल शेवाले, प्रफुल्ल पटेल, अगाथा संगमा, अनुप्रिया पटेल भी इस कार्यक्रम में पहुंचे। संभावना जताई जा रही है कि इनके अलावा भी कुछ और एनडीए के नेता कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं। 018 में हो गया था वाजपेयी का निधन आपको बता दें कि 2018 में 93 वर्ष की आयु में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन हो गया था। वाजपेयी को छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।
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