नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 को स्वीकृति देते हुए इसे सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया है। इसके अलावा इसरो की ओर से विकसित लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) के प्रक्षेपण के लिए तमिलनाडु के कुलशेखरपट्टिनम में एक नए स्पेसपोर्ट की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है।अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) की भागीदारी बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष नीति में इन-स्पेस, इसरो, एनएसआईएल और डॉस की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है। साथ ही सरकार ने एकल खिड़की एजेंसी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केन्द्र की स्थापना की है। सिंह ने बताया कि सरकार ने 2600 करोड़ रुपए की लागत से लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया) परियोजना को भी मंजूरी दी है। इसमें परमाणु ऊर्जा विभाग प्रमुख एजेंसी है। परियोजना के पूरा होने के बाद एलआईजीओ-इंडिया को गुरूत्व तरंगों का पता लगाने और खगोल विज्ञान के संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय सुविधा के रूप में संचालित किया जाएगा। हवाईअड्डों को मंजूरी21 नए ग्रीनफील्ड नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में 21 नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों की स्थापना की सैद्धान्तिक मंजूरी दी है। इनमें से 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों ने अपना परिचालन शुरू कर दिया है। नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा (जीएफए) नीति-2008 के अनुसार राज्य सरकार या कोई विकासकर्ता उपयुक्त स्थल की पहचान के बाद पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन के बाद मंजूरी के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने राजस्थान के जोधपुर, मध्यप्रदेश के भोपाल, ग्वालियर इंदौर, जबलपुर और रीवा समेत देश में लगभग तीन दर्जन हवाई अड्डों का विस्तार किया है।
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